आईबी कांस्टेबल की हत्या का मुख्य आरोपी अरेस्ट, पुलिस ने अंकित शर्मा समेत सात लोगों की मौत के केस सुलझाए

नई दिल्ली.दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने नार्थ-ईस्ट इलाके में हुए दंगों के समय गुप्तचर ब्यूरो (आईबी) कांस्टेबल अंकित शर्मा की हत्या मामले में गुरुवार को एक मुख्य आरोपी को सुंदर नगरी से गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपी की पहचान मोमिन उर्फ सलमान उर्फ हसीन उर्फ मुल्ला उर्फ नन्हें के रूप में हुई है। इससे पहले अंकित शर्मा की हत्या के मामले में पुलिस ने आम आदमी पार्टी के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन को भी गिरफ्तार किया था, उनका नाम भी एफआईआर में दर्ज है। फिलहाल पुलिस आरोपी मोमिन से पूछताछ कर मामले की जांच कर रही है। पुलिस यह भी पूछताछ कर पता लगा रही कि हादसे के समय मुख्य रुप से कितने लोग शामिल थे।
सूत्रों ने बताया कि जांच के दौरान स्पेशल सेल की टीम को यह पता चला कि सलमान उर्फ मोमिन सुंदर नगरी इलाके में छिपा हुआ है। गुरुवार को स्पेशल सेल की टीम ने सुंदर नगरी इलाके छापेमारी कर उसे दबाेच लिया। वह इस पूरे मामले का मुख्य आरोपी है। आरोपी को सेल के थाने में लाया गया है, टीम उससे पूछताछ कर रही है। सूत्रों का कहना है मोमिन की गिरफ्तारी के बाद इस पूरे मामले का खुलासा जल्द हो जाएगा। अंकित शर्मा की हत्या क्यों हुई थी, इसके अलावा इस पूरे मामले में किन-किन लोगों की संलिप्तता थी, मोमिन से पूछताछ के बाद पता चल सकेगा। आईबी कांस्टेबल अंकित शर्मा नार्थ-ईस्ट इलाके के खजूरी खास में परिवार के साथ रहते थे। दंगों के समय अंकित पर चाकू से हमला किया गया था। अंकित की मौत चाकू लगने और मार पीट की जाने से हुई थी। अंकित शर्मा का शव 26 फरवरी सुबह 8 बजे चांदबाग में नाले से मिला था। अंकित के पिता और भाई ने आम आदमी पार्टी से निगम पार्षद मोहम्मद ताहिर हुसैन पर अंकित शर्मा की हत्या का आरोप लगाया था। अंकित के परिवार वालों का आरोप है कि हिंसा के दौरान ताहिर हुसैन के समर्थक अंकित को खींचकर ले गए और उनकी हत्या करने के बाद शव नाले में फेंक दिया था।
चांदबाग: प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने पुलिस पर किया था हमला, रतनलाल की कर दी थी हत्या
दयालपुर के चांदबाग इलाके में लोग सड़क पर बैठकर नागरिकता कानून और एनआरसी के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे। उस दिन योजनाबद्ध तरीके प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने पुलिस के ऊपर एकदम से हमला कर दिया था। शाहदरा डिस्ट्रिक डीसीपी अमित शर्मा, एसीपी गोकुलपुरी अनुज कुमार व हेड कांस्टेबल रतनलाल दंगाइयों की बुरी तरह से चपेट में आ गए। जहां उनके ऊपर पत्थर से लेकर लाठी डंडे से हमला किया। इस घटना में सिर में आई गंभीर चोट और गोली लगने की वजह से हेड कांस्टेबल रतनलाल की मौत हो गई थी, वहीं डीसीपी और एसीपी गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे। मामले में जांच के दौरान पुलिस ने वीडियो फुटेज की मदद से आरोपियों के बारे में जानकारी जुटाई। इस केस में सात लोगों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस पर हमला करने के इन सभी सात लोगों ने न केवल साजिश रची बल्कि वे दंगे में पूरी तरह से एक्टिव थे। आरोपियों की पहचान चांदबाग निवासी सलीम मलिक उर्फ मुन्ना (38), मोहम्मद जलालुद्दीन उर्फ गुड्डू भाई (33), मोहम्मद आयूब (35), मोहम्मद युनूस (32), मोहम्मद सलीम खान (48), आरिफ (27) व प्रेम नगर लोनी गाजियाबाद निवासी मोहम्मद दानिश (23) के तौर पर हुई है।
भजनपुरा: दंगे के दौरान दंगाइयों ने एक घर में लगाई थी आग, बुजुर्ग महिला की हुई थी मौत
भजनपुरा इलाके में हुई दंगे की घटना को लेकर एक मुकदमा 27 फरवरी को दर्ज कराया गया था। मामले में शिकायतकर्ता ने पुलिस को जानकारी दी कि 25 फरवरी को दिन में ग्यारह बजे वह घर से बाहर दूध लेने के लिए निकले थे। तभी उनके बेटे आसिफ ने कॉल कर जानकारी दी कि घर के बाहर लोगों की भीड़ जुट गई है, जो एनआरसी और सीएए का समर्थन कर रहे हैं। इतने में भीड़ उनके घर का ताला तोड़ अंदर घुस गई और वहां आग लगा दी। उनके परिवार के सदस्य और दस कर्मचारी जान बचाने के लिए छत की ओर भागे। लेकिन उनकी 85 साल की बुजुर्ग मां अकबरी देवी दूसरी मंजिल पर ही रह गई। वह ऊपर नहीं जा सकी, जिस कारण दम घुटने की वजह से उनकी मौत हो गई। पुलिस ने छत पर फंसे सभी लोगों को स्थानीय निवासियों की मदद से समय रहते रेस्क्यू करवा लिया, जिस कारण उनकी जान बच गई। इस घटना के समय भीड़ ने अलमारी का ताला तोड़ आठ लाख कैश, गोल्ड और सिल्वर ज्वेलरी भी लूट ली थी। यह घटना 4 स्टोरी बिल्डिंग में हुई। भूतल और पहली मंजिल पर पीड़ित की गारमेंट फैक्टरी थी, जबकि दूसरी और तीसरी मंजिल पर परिवार रहता है। जांच के दौरान पुलिस टीम ने शिकायतकर्ता समेत दो लोगों के मोबाइल जांच के लिए जब्त किए। वीडियो फुटेज, कुछ लोगों के बयान और चश्मदीद के बयान पर पुलिस ने दो आरोपी भाइयों की पहचान की, जिन्हें 11 मार्च को गिरफ्तार कर लिया गया।
कार्रवाई : भागीरथी विहार नाले में मिले थे चार शव, चार युवक गिरफ्तार
दंगे के दिनों में भागीरथी विहार जौहरीपुर नाले से चार लाशें मिलने से सनसनी फैल गई थी। मामले को लेकर 27 फरवरी को उनकी हत्याएं, दंगे और सबूत नष्ट करने संबंधी धाराओं के तहत मुकदमे दर्ज किए थे। एसआईटी ने गहन जांच पड़ताल के बाद इन मामले में पंकज शर्मा, लोकेश, सुमित और अंकित नाम के चार युवकों को गिरफ्तार किया।
पार्ट वन, दो बेटों की मौत के लिए पिता ने खुद को माना जिम्मेदार:
23 फरवरी को दंगे की वजह से टेलर बाबू खान ने अपने दो बेटों आमिर अली (31) और हाशिम (19) को एक रिश्तेदार के घर भेज दिया था। दो दिन बाद उन्होंने ही बेटों को कॉल कर वापस घर आने के लिए बोल दिया था, कि अब हालात कुछ नार्मल हैं। दोनों भाई बाइक से गोकुलपुरी इलाके में पहुंच भी गए, जहां उनका सामना दंगाइयों से हो गया। उपद्रवियों ने दोनों भाइयों को पीट पीटकर मार डाला। जिसके बाद उनके शव नालें में फेंक दिए थे। उनकी बाइक में भी आ लगा दी गई थी, जिसे नाले में फेंक दिया था।
लोनी से चले पर रिश्तेदार के घर नहीं पहुंच सके
पेशे से कार मैकेनिक अकील अहमद लोनी गाजियाबाद से न्यू मुस्तफाबाद में अपने रिश्तेदार के घर मिलने के लिए आ थे। जो वहां तक नहीं पहुंच सके। उनकी पत्नी जाहिरा लगातार उनसे संपर्क करती रही लेकिन मोबाइल नहीं मिला। इसके बाद महिला ने पति के जीजा संग जीटीबी अस्पताल पहुंच शव की पहचान की थी।
दंगाइयों ने बच्चों और पत्नी के सामने मारा
25 फरवरी को दंगाई एक घर की दूसरी मंजिल पर पहुंचकर मुशर्रफ को नीचे खींच ले गए। पत्नी और तीन छोटे बच्चों के सामने ही उन्हें मार दिया गया और फिर लाश नाले में फेंक दी थी। यह परिवार किराए के मकान में रहता है, पत्नी ने ही नाले में मिले शव को अपने पति के तौर पर पहचाना था।
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