एक भी मौत नहीं, 180 लोग हुए ठीक, 1173 सैंपल में से 75 केस पॉजिटिव
कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हंै। राजधानी में मंगलवार को कोरोना पॉजिटिव की संख्या बढ़कर 2156 हो गई। 24 घंटे में काेरोना के 75 नए केस सामने आए हैं। राहत की बात यह है कि कोई मौत नहीं हुई। वहीं, 180 लोग ठीक हुए है। इसके साथ ही ठीक होने वाली की संख्या बढ़कर 611 पहुंच गई है। अब तक 47 लोगों की मौत हुई है। पिछले 24 घंटे में 1173 सैंपल में से 75 सैंपल पॉजिटिव आए है। मंगलवार को जारी दिल्ली सरकार के डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ हेल्थ सर्विसेस के हेल्थ बुलेटिन के अनुसार कोरोना के सक्रीय मरीजों की संख्या 1498 है। इसमें सबसे ज्यादा मरीज 50 साल से कम उम्र के 1393 है। 60 और उससे ऊपर की उम्र के 408 और 50 से 59 की उम्र के मरीजों की संख्या 344 है।
वहीं, मृतक 47 में सबसे ज्यादा 53.2 प्रतिशत यानी 25 व्यक्ति 60 या उससे अधिक उम्र के है। इसमें से 22 यानी 88 प्रतिशत पहले से दूसरी बीमारी से पीड़ित थे। वहीं, 12 मृतक यानी 25.5 प्रतिशत 50 से 59 की उम्र के है। इसमें से 8 यानी 66.6 प्रतिशत पहले से दूसरी बीमारी से पीड़ित थे। वहीं, 21.3 प्रतिशत यानी 10 मृतक 50 से ज्यादा उम्र के है। इसमें से 9 यानी 90 प्रतिशत मरीज पहले से दूसरी बीमारी से पीड़ित थे। कुल मृतकों में 39 यानी 82.97 प्रतिशत पहले से दूसरी बीमारी से पीड़ित थे। 513 मरीज अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती हैं। 11074 लोगों को होम क्वारेंटाइन में रहने को कहा गया है।
कोरोना से मौत में 83 प्रतिशत गंभीर बीमारी से पीड़ित, बुजुर्ग रखें ख्याल
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को ऑनलाइन प्रेसवार्ता में कहा कि कोरोना की वजह से 47 लोगों की मौत हो गई है। हमने इनकी मौत का आकलन किया है। इसमें 80 प्रतिशत लोग 50 साल से अधिक उम्र के है। इनमें सिर्फ 20 प्रतिशत लोग 50 साल से कम उम्र के है। इसका मतलब यह है कि जवान लोगों की कम मौत हो रही है। जिन लोगों की मौत हुई है। उनमें से 83 प्रतिशत लोग दूसरी बीमारी से भी पीड़ित थे। इन लोगों को पहले से हाअर्, सुगर, सांस या कैंसर आदि की बीमारी थी। पहले से गंभीर रोगों से ग्रसित लोगों में कोरोना उस बीमारी को और खराब कर देता है और उस वजह से उनकी मौत हो जाती है। इसको अंग्रेजी में को-मोरबिटी कहते हंै। जिन लोगों को को-मोरबिटी थी, ऐसे 83 प्रतिशत लोगों की मौत हुई है।
कंटेनमेंट जोन में आपस में मिलना-जुलना, भीड़भाड़ बंद कराएं, ड्रोन और आईपी कैमरे से निगरानी करें: एलजी
दिल्ली में कंटेनमेंट जोन की संख्या मंगलवार को तीन और बढ़कर 87 पहुंच गई। लेकिन कंटेनमेंट जोन जहांगीरपुरी, तुगलकाबाद सहित कुछ जगह नए मामले सामने आने की वजह से उपराज्यपाल अनिल बैजल ने मंगलवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग की समीक्षा बैठक में सख्ती से पेश आने के निर्देश दिए हैं। उपराज्यपाल ने सभी डीएम और डीसीपी को निर्देश दिए हैं कि वो स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के प्रोटोकाल के हिसाब से कंटेनमेंट जोन, खाद्य वितरण केन्द्र, शेल्टर होम का प्रभावी प्रबंधन करें। स्थानीय नेता, वालिंटियर्स के साथ तकनीक का इस्तेमाल करके निगरानी सख्त करें। उपराज्यपाल ने कहा है कि कन्टेन्मेंट जोन के अन्दर लोगों का मिलना-जुलना अथवा भीड़-भाड पर पूर्ण रूप व प्रभावी रोक लगाएं। जिला प्रशासन पेरीमीटर कंट्रोल, ड्रोन, आईपी कैमरे और सोशल मीडिया से निगरानी बढ़ाएं। कन्टेन्मेंट जोन में लाॅकडाउन का कड़ाई से अनुपालन हो। कन्टेन्मेंट जोन में एन्फोर्समेंट से ही कोरोना का मानक तय होगा। डीएम और डीसीपी अपने सर्वश्रेष्ठ प्रयत्न और प्रदर्शन करें।
कोविड-19 मरीज की मौत का सटीक कारण लगाएगी तीन सदस्यीय कमेटी
राजधानी में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। वहीं, कोविड-19 मरीज के मौत के मामले भी बढ़ गए हैं। दिल्ली में 47 कोरोना पॉजिटिव की मौत हो गई है। इसमें ज्यादातर मौत पहले से दूसरी बीमारी से पीड़ित मरीजों की हुई है। ऐसे में दिल्ली सरकार ने कोविड-19 पीड़ित प्रत्येक मृतक का ऑडिट कराने का निर्णय लिया है। ताकि मौत का सही कारण पता चल सके। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ हेल्थ सर्विसेस (डीजीएचएस) के पूर्व डायरेक्टर डॉ. अशोक कुमार की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति गठित गई है। इसमें दो अन्य सदस्य राजीव गांधी सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल के डॉक्टर विकास डोगरा और नर्सिंग होम के एमएस डॉक्टर आरएन दास को नियुक्त किया गया है। कमेटी का काम सरकारी और निजी दोनों अस्पताल में कोविड-19 पॉजिटिव मरीज की मौत ऑडिट करना है। यानी की मृतक की कोरोना संक्रमण के चलते मौत हुई है या फिर दूसरे कोई अन्य कारण या बीमारी से। इस ऑडिट के परिणाम के बाद ही मौत के संबंध में जानकारी जारी की जाएगी। सभी सरकारी और निजी अस्पताल को कोविड पॉजिटिव मरीज की मौत की जानकारी के साथ उसके इलाज से जुड़े सभी दस्तावेज कमेटी को उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी आदेश अनुसार दी गई है। वहीं कोविड-19 महामारी में बेहतर रणनीति बनाने के लिए दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी ने 11 क्षेत्रों में काम करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों के नेतृत्व में पांच अलग-अलग ग्रुप बनाए है। एक ग्रुप में 5 से 7 अधिकारी और विषय विशेषज्ञ को शामिल किया गया है।
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