दो दिन में वेबसाइट पर 4 लाख प्रवासी मजदूरों ने कराया रजिस्ट्रेशन
दिल्ली में फंसे प्रवासी मजदूरों को उनके मूल प्रदेश जाने रजिस्ट्रेशन कराने शुरू की गई वेबसाइट पर दो दिन में 4 लाख लोगों ने रजिस्ट्रेशन करा लिए। इन मजदूरों को घर भेजने के लिए रोज 50 से 100 ट्रेन चलाने की सरकार ने मांग की है। बता दें केंद्र सरकार के सड़क और रेल की पटरी से मजदूरों को जाने से रोकने के लिए सभी राज्यों को उनके ठहराने और श्रमिक स्पेशल ट्रेन और बसों से घर भेजने के इंतजाम करने के आदेश दिए थे।
इसके बावजूद राज्यों के लचर रवैए के चलते मजदूर राज्यों की बार्डर पर एकत्रित होने लगे। दिल्ली में मजदूरों के रजिस्ट्रेशन की डूसिब की वेबसाइट तो कई दिनों से ठप हो गई थी। इसके बाद दिल्ली सरकार ने रविवार को नई वेबसाइट रजिस्ट्रेशन के लिए जारी की। इस वेबसाइट पर तीन दिन में ही करीब 4 लाख प्रवासी मजदूर अपना रजिस्ट्रेशन करा चुके है। इस मामले में दिल्ली सरकार का कहना है कि प्रवासी मजदूरों को उनके घर भेजने के लिए दिल्ली से रोजाना 50 से 100 ट्रेन चलाने की जरूरत है।
केंद्र पर साधा निशाना
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने केंद्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधा। सिंह ने कहा कि भाजना ने क्यों मजदूरों को सड़क पर मरने के लिए छोड़ दिया है। दिल्ली में 4 लाख मजदूर अपना रजिस्ट्रेशन करा चुके है। 350 ट्रेन की आवश्यकता है। केंद्र सरकार ट्रेनें क्यों नहीं चला रही है।
सिंह ने कहा कि यदि भाजपा चाहे तो 1 दिन के भीतर इन गरीब मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाया जा सकता है। क्योंकि भारतीय रेलवे की क्षमता है कि वह 1 दिन में 2 करोड़ 30 लाख व्यक्तियों को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचा सकती है। परंतु इस सबके बावजूद केंद्र सरकार कभी 100 श्रमिक ट्रेन चलाने का ऐलान करती है, कभी 15 श्रमिक ट्रेन चलाने का ऐलान करती है। अर्थात केंद्र में बैठी भाजपा सरकार ने महीनों का प्लान तैयार किया है इन गरीब मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाने का, चाहे तब तक यह गरीब मजदूर तपती धूप में सड़कों पर पैदल चलते हुए भूखे प्यासे मरते रहें।
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