श्रद्धानंद कॉलेज में लाइब्रेरी की किताबें लौटाने के आदेश का विरोध, बताया तुगलकी फरमान
दिल्ली यूनिवर्सिटी के स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज की ओर से थर्ड इयर के छात्रों को कॉलेज की लाइब्रेरी से ली गईं किताबें कॉलेज आकर जमा करने का आदेश जारी किया गया है। आदेश में कहा गया है कि छात्र 3-10 जून के बीच आकर पुस्तकें लौटा दें वर्ना उन पर कार्रवाई होगी। कॉलेज की प्रिंसिपल की ओर से जारी इस आदेश का फोरम ऑफ अकेडेमिक्स फ़ॉर सोशल जस्टिस ने विरोध किया है।
फोरम के चेयरमैन व दिल्ली यूनिवर्सिटी की एकेडेमिक काउंसिल के पूर्व सदस्य प्रोफेसर हंसराज “सुमन’ ने कहा कि स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज की ओर से जारी यह निर्देश एमएचआरडी, यूजीसी और दिल्ली विश्वविद्यालय के दिशा निर्देशों का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि जहां एक ओर भारत में कोरोना जैसी महामारी के संकट के चलते सरकार ने सभी शिक्षण संस्थानों/विश्वविद्यालयों/कॉलेजों को खोलने से मना किया है तो डीयू का एक कॉलेज कैसे अपने विद्यार्थियों को बुला सकता है ?
उनका कहना है कि एक ओर समूह में इकट्ठा होना और कोरोना के जानलेवा डर के कारण सरकारें दूरी बनाने के निर्देश जारी कर रही है और वहीं दूसरी तरफ स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज के प्रिंसिपल तुगलकी फरमान जारी कर रहे हैं। स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज में लाइब्रेरी के संबंध कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ प्रवीन गर्ग ने कहा कि किताबें जमा करने की तारीख बढ़ाकर 25 जून कर दी गई है। साथ ही कोई जुर्माना भी नहीं लगेगा। साथ ही आगे के निर्देश के लिए यूनिवर्सिटी को भी लिखा है।
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