पच्चीस लाख की लूट का पीड़ित ही निकला मास्टरमाइंड, 7 अरेस्ट, पुलिस ने चौबीस घंटे में सुलझाया केस; मामले में दो नाबालिग भी शामिल
द्वारका इलाके में हुई पच्चीस लाख की लूट के मामले में खुलासा हो गया है। शुरु में पुलिस के सामने खुद को पीड़ित होने का दावा करने वाला ही इस वारदात का मास्टरमाइंड निकला। चौबीस घंट के भीतर पुलिस ने इस मामले का राजफाश करते हुए दो नाबालिग समेत सात आरोपियों को पकड़ लिया। इनकी निशानदेही पर लूटी गई रकम में बीस लाख रुपए बरामद कर लिए गए हैं। चोरी की एक स्कूटी और बाइक भी जब्त किया है।
द्वारका डिस्ट्रिक डीसीपी संतोष कुमार मीणा ने बताया 19 अक्टूबर की दोपहर करीब सवा तीन बजे चाकू के बल लूट होने की सूचना मिली। पुलिस मौके पर पहुंची, जहां मिले वैभव सिंघल ने तीन बदमाशों द्वारा चाकू के बल पच्चीस लाख रुपए लूटे जाने की शिकायत दी।
पुलिस को बताया यह वारदात द्वारका सेक्टर मेट्रो स्टेशन रेड लाइट पर तब हुई जब वह इस रकम को अपने अंकल विजय गर्ग को देने के लिए जा रहा था। पुलिस ने इन दोनों को ही जांच के दायरे में ले लिया। ये पुलिस को जांच में पूरी तरह से सहयोग भी नहीं कर रहे थे। इस बीच पुलिस ने एक सूचना पर दक्षिणपुरी निवासी आकिब उर्फ जावेद को हिरासत में ले लिया।
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पकड़े गए सभी आरोपी दक्षिणपुरी और छतरपुर इलाके के रहने वाले हैं। इनके अलावा दो नाबालिग हैं। आरोपियों के पकड़े जाने से पुलिस ने दो आपराधिक मामले सुलझा लिए हैं। मुख्य आरोपी वैभव सिंघल ने स्नातक तक पढ़ाई कर खी है। वह कपिल अग्रवाल के पास कमीशन के आधार पर काम करता है।
जो घटना के समय पच्चीस लाख रुपए कपिल अग्रवाल से लेकर विजय गर्ग को देने जा रहा था। इसने अपने दोस्त आकिब के साथ मिलकर ही रकम हड़पने के लिए लूट की झूठी कहानी बनायी थी। दूसरा आरोपी आयुष सिंघल स्नातक कर रहा है। वह मुख्य आरोपी का भाई है। इसने राहुल को दस हजार रुपए दिए थे, ताकि वह वारदात के लिए स्कूटी का बंदोबस्त कर सके।
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