बोर्ड परीक्षाओं के बजाय एक्सटर्नल एसेसमेंट प्रणाली लागू हो : सिसोदिया
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मौजूदा वर्षवार कक्षाओं और दसवीं-बारहवीं की बोर्ड परीक्षाओं के बजाय बहुवर्षीय स्टेज अनुसार कक्षाओं और हर स्टेज के अंत में एक्सटर्नल एसेसमेंट की प्रणाली शुरू करने का सुझाव दिया है। सिसोदिया ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री के वक्तव्य पर सहमति जताते हुए कहा कि देश में शिक्षा के क्षेत्र में आधारभूत परिवर्तन में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की बड़ी भूमिका होगी।
लेकिन यह परिवर्तन टुकड़ों में नहीं, बल्कि समग्र होना चाहिए। सिसोदिया ने एनसीईआरटी जनरल काउंसिल की 57 वीं बैठक में कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए। बैठक में मौजूद केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने अधिकारियों को सिसोदिया के सुझावों पर विचार का निर्देश दिया।
10 व 12वीं बोर्ड की परीक्षा समाप्त होनी चाहिए
सिसोदिया ने कहा कि नई शिक्षा नीति में प्रस्तावित चार स्टेज यानी 5+3+3+4 को सही मायने में लागू करना चाहिए। इसके तहत एक साल एक क्लास का सिस्टम खत्म करके बहुवर्षीय स्टेज सिस्टम लागू करना चाहिए। इससे बच्चे अपनी गति से विभिन्न विषयों में अपनी जरूरत के अनुसार आगे बढ़ सकेंगे।
उन्होंने कहा कि एक स्टेज से दूसरे स्टेज में जाने के बाद अगर कुछ बच्चे उस लेवल के अनुरूप लर्निंग आउटकम प्राप्त नहीं कर पाए हों, तो उसे पूरा करने के लिए कुछ महीनों की रेमेडियल क्लासेज भी लगाई जा सकती है। सिसोदिया ने कहा कि 5+3+3+4 के चार स्टेज में सिर्फ चौथे स्टेज में बोर्ड परीक्षाएं होने से पहले के तीनों स्टेज का महत्व कम होने की आशंका रहेगी। इसलिए कक्षा 10 और 12 की बोर्ड परीक्षा समाप्त की जानी चाहिए और उसकी जगह हर स्टेज के अंत में एक्सटर्नल असेसमेंट होना चाहिए।
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