आम आदमी पार्टी की मान्यता रद्द की जाए, चीफ इलेक्शन कमिश्नर के आगे क्यों रखी गई ये मांग?
नई दिल्ली: रिटायर्ड ब्यूरोक्रेट्स के एक ग्रुप ने चीफ इलेक्शन कमिश्नर को लेटर लिखकर आग्रह किया है कि की मान्यता रद्द की जाए। उनका कहा है कि अरविंद केजरीवाल ने पिछले दिनों गुजरात में सरकारी अधिकारियों को लालच देने का कथित प्रयास किया ताकि कुछ महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी को फायदा मिल सके। इन पूर्व अधिकारियों ने 3 सितंबर को राजकोट में हुए केजरीवाल के संवाददाता सम्मेलन का हवाला देते हुए कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री ने नौकरशाहों को आम आदमी पार्टी के पक्ष में काम करने के लिए उकसाया ताकि चुनाव में पार्टी को जीत मिल सके तथा वे इस प्रयास को सिरे से खारिज करते हैं। पूर्व नौकरशाहों ने सीईसी को लिखे पत्र में कहा कि लालच देने के इस तरह के प्रयासों का उस लोकतांत्रिक तानेबानेपर बहुत असर होता है जिसके साथ भारत में चुनाव करवाये जाते हैं। उन्होंने कहा, ‘इसको देखते हुए हम निर्वाचन आयोग से आग्रह करते हैं कि वह आप की एक राजनीतिक दल के तौर पर मान्यता वापस ले क्योंकि इसने चुनाव चिन्ह (आरक्षण एवं आवंटन) आदेश, 1968 का सरेआम उल्लंघन किया है तथा आप के राष्ट्रीय संयोजक का व्यवहार आचार संहिता का उल्लंघन है।’ पूर्व नौकरशाहों का कहना है कि केजरीवाल की टिप्पणियां जन प्रतिनिधित्व कानून, 1951 के प्रावधानों का भी उल्लंघन करती हैं।
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