ब्रिटेन के लीसेस्टर में ऐसा क्या हुआ जो भिड़ गए हिंदू-मुसलमान और तोड़ दिया गया मंदिर, जानिए क्या है सारा मामला
लंदन: यूके के लीसेस्टर में हिंदू-मुसलमानों के बीच भड़की हिंसा शांत होने का नाम नहीं ले रही है। ब्रिटिश मीडिया की मानें तो अब यह आग यूके के दूसरे हिस्सों में भी फैलने लगी है। सड़कों पर हिंदू और मुसलमानों के बीच गलियों में हुई भारी हिंसा के बाद बीबीसी ने इसे बड़े पैमाने पर हुई तबाही करार दिया है। 15 लोगों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है। भारत और पाकिस्तान के बीच एक खेले गए एक क्रिकेट मैच के बाद सारा मसला हुआ और अब यह अनियंत्रित होता जा रहा है। इस पूरे मामले पर भारतीय उच्चायोग की तरफ से भी बयान जारी किया गया है। लेकिन आखिर ऐसा क्या हुआ जो बात इतनी बढ़ गई? मैच के बाद का जश्न एशिया कप में 28 अगस्त को भारत और पाकिस्तान के बीच एक टी-20 मुकाबला हुआ था। सांस रोक देने वाले इस मैच को भारत ने दो गेंद बाकी रहते जीत लिया था। इसके बाद भारतीय टीम के समर्थक भारी तादाद में बेलग्रेव में इकट्ठा हो गए और जीत का जश्न मनाने लगे। बस यहीं से सारे फसाद की शुरुआत हुई। इसी दौरान एक व्यक्ति की टी-शर्ट को फाड़ दी। जब यह सब हो रहा था तो बाकी लोग उसे पीट रहे थे। जो वीडियोज सोशल मीडिया पर आ रहे हैं उनमें नजर आ रहा है कि फैंस ने टीम इंडिया की जर्सी पहनी हुई है। वो सड़कों पर 'पाकिस्तान मुर्दाबाद' के नारे लगाते हुए नजर आ रहे हैं। पुलिस ऑफिसर एक शख्स को गिरफ्तार करता हुआ भी दिख रहा है। जो एक और वीडियो आया है उसमें नजर आ रहा है कि कुछ लोगों का एक समूह एक व्यक्ति को पीटता है और उसकी शर्ट फाड़ देता है। तोड़ा गया एक मंदिर हिंसा की जो नई घटना हुई है, उसके पीछे पहली घटना को जिम्मेदार माना जा रहा है। मैच के बाद हुई हिंसा के बाद से ही लीसेस्टर में तनाव बरकरार था। लीसेस्टर में एक मंदिर को मुसलमानों ने तोड़ दिया और धार्मिक झंडों को भी जलाया। मंदिर के अंदर कुछ हिंदू अनुयायियों को बंधक बनाकर रखा गया जिसमें कुछ बच्चे भी शामिल थे। इसके अलावा कार समेत हिंदूओं की कुछ प्रॉपर्टीज को भी नुकसान पहुंचाया गया। 31 साल की दृष्टि मयी लीसेस्टर में ही रहती हैं। वह यहां के एक हिंदू संगठन की मुखिया हैं। उन्होंने कहा हिंदू समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है और वह भी अप्रवासी समुदायों की पहली पीढ़ी की तरफ से। शहर में मुसलमानों ने कुछ हिंदू परिवारों को परेशान भी किया। मंदिर को निशाना बनाए जाने पर भारतीय उच्चायोग ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। एक बयान में भारतीय उच्चायोग ने कहा, 'हम लीसेस्टर में भारतीय समुदाय के खिलाफ हुई हिंसा और हिंदू धर्म के परिसरों और प्रतीकों की तोड़फोड़ की कड़ी निंदा करते हैं। हमने ब्रिटेन के अधिकारियों के साथ इस मामले को मजबूती से उठाया है और इन हमलों में शामिल लोगों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की है। हम अधिकारियों से प्रभावित लोगों को सुरक्षा प्रदान करने का आह्वान करते हैं।' कांच की बोतलें फेंकने का आरोप गार्डियन की तरफ से बताया गया है कि 17 सितंबर को यहां की ग्रीन लेन रोड एरिया पर कुछ पुरुषों ने एक मार्च का वीडियो बनाया था। इस इलाके में बड़े पैमाने पर मुसलमानों के स्वामित्व वाले बिजनेस हैं और एक मंदिर है। एक सामुदायिक नेता रुखसाना हुसैन ने कहा कि उन्होंने कई लोगों को सड़कों पर 'जय श्री राम' के नारे लगाते हुए सुना। माजिद फ्रीमैन नाम व्यक्ति ने ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें हिंदूओं पर मुसलमानों पर कांच की बोतलें फेंकने का आरोप लगाया गया। फ्रीमैन का दावा है कि वो उस समय गली में ही थे जब हिंदूओं की भीड़ उनके मस्जिद की तरफ बढ़ रही थी जो कुछ लोगों को पीट रही थी। उनका यह बयान गार्डियन में छपा है। उनका कहना है कि मुसलमान सिर्फ उस मार्च का जवाब दे रहे थे जो अचानक ही निकाला गया था। उनका कहना है कि वो पुलिस पर भरोसा नहीं कर सकते हैं क्योंकि वो उनके समुदाय की रक्षा नहीं कर सकती है। क्या कहा पुलिस ने मंदिर पर हुए हमले के बारे में अथॉरिटीज का कहना है कि इस तरह की कई घटनाएं हैं जहां पर हिंसा हुई है और नुकसान पहुंचाया गया है और इनकी जांच जारी है। पुलिस की मानें तो मेल्टन रोड पर एक मंदिर के बाहर धार्मिक झंडे को नुकसान पहुंचाने वाला जो वीडियो सोशल मीडिया पर सर्कुलेट हो रहा है, उसके बारे में उन्हें पूरी जानकारी हैं। उनका मानना है कि ऐसा उस समय हुआ जब ऑफिसर्स इलाके में अशांति भंग होने के मामले से निबटने में लगे थे। इसकी जांच का भी भरोसा पुलिस ने दिया है। अधिकारियोंके मुताबिक आने वाले दिनों में एक खास पुलिस बल इस इलाके में व्याप्त रहेगा। लीसेस्टर पूर्व की सांसद क्लाउडिया वेबे ने ट्विटर पर शनिवर को लोगों से शांत रहने की अपील की। उन्होंने कहा कि समुदायों के आपसी संबंधों को बेहतर करने के लिए बातचीत को और मजबूत किया जा सकता है। उन्होंने लोगों से पुलिस की सलाह मानने के लिए कहा और साथ ही शांत रहने की भी अपील की। शांत रहने वाला शहर लीसेस्टर वह शहर है जो आमतौर पर शांत रहता है। तीन दशक से ज्यादा समय हो गया जब यहां पर कोई दंगा नहीं हुआ और ऐसे में यह घटना असाधारण मानी जा रही है। सुलेमान नगदी तो लीसेस्टर स्थित मुसलमा, संगठन के सदस्य हैं उन्होंने बीबीसी को बताया है कि पहले भी भारत और पाकिस्तान के बीच मैच हुए हैं लेकिन इस तरह से हिंसा का मामला पहली बार देखा गया है। उन्होंने इस घटना को चौंकाने वाला करार दिया है और कहा है कि सड़कों पर इस तरह की घटनाएं वाकई चौंकाने वाली हैं। नगदी ने भी लोगों से हिंसा न करने और शांत रहने की अपील की है। कितने हिंदू, कितने मुसलमान यूके नेशनल हेल्थ सर्विस की रिपोर्ट जो साल 2011 की जनगणना पर आधारित है, उसके मुताबिक लीसेस्टर, लीसेस्टरशायर और रूटलैंड में हिंदूओं, मुसलमानों, सिख और दूसरे धर्मों के लोगों की आबादी ज्यादा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक मुसलमान और हिंदूओं की आबादी इस जगह पर करीब-करीब एक जैसी है। 7.4 फीसदी मुसलमान तो 7.2 फीसदी हिंदू यहां रहते हैं। जबकि सिख 2.4 फीसदी और 55 फीसदी क्रिश्चियन आबादी है।
from https://navbharattimes.indiatimes.com/world/britain/india-pakistan-riots-in-leicester-news-in-hindi-the-reason-why-hindu-muslim-fight-broke-after-a-cricket-match/articleshow/94309414.cms