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Explainer: क्या है उत्तराखंड पेपर लीक केस? जो बन गया है प्रदेश का अब तक का सबसे बड़ा घोटाला

देहरादूनः उत्तराखंड में UKSSSC के पेपर लीक मामले से हड़कंप मचा है। प्रदेश की धामी सरकार पर इसे लेकर लगातार हमले किए जा रहे हैं। हालांकि, मामला सामने आने के बाद सीएम धामी ने आरोपियों पर सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। अभी तक मामले में 41 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिसमें पूरे साजिश का मास्टरमाइंड भी शामिल है। पेपर लीक के जरिए करोड़ों रुपये की अवैध वसूली की बात भी कही जा रही है। बताया जा रहा है कि यह उत्तराखंड के अब तक सबसे बड़े घोटालों में से एक है। दरअसल, उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) ने स्नातक स्तर के 916 पदों के विज्ञापन निकालकर पिछले साल 4 और पांच दिसंबर को परीक्षा आयोजित की थी। तीन पालियों में आयोजित इस परीक्षा में तकरीबन 1 लाख 90 हजार अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया था और 916 परीक्षार्थी सफल हुए थे। बाद में परीक्षा को लेकप पेपर लीक की शिकायतें सामने आने लगीं। कई प्रतियोगी छात्रों ने मुख्यमंत्री पुष्कर धामी से मुलाकात कर परीक्षा में अनियमितताओं की जांच की मांग की। शिकायतकर्ताओं ने कुछ वॉट्सऐप स्क्रीनशॉट और कई अन्य सबूत भी सीएम के सामने रखे और मामले में तत्काल कार्रवाई करने की अपील की। 22 जुलाई को दर्ज किया गया केस जानकारी के बाद मुख्यमंत्री ने मामले में हस्तक्षेप किया और मामले में कार्रवाई के निर्देश जारी कर दिए। इसके बाद 22 जुलाई को मामले में मुकदमा दर्ज किया गया। बाद में पुलिस ने मामले की जांच एसटीएफ को सौंप दी। एसटीएफ ने कमान हाथ में लेते ही ताबड़तोड़ गिरफ्तारियों का दौर शुरू कर दिया। गिरफ्तार आरोपियों ने जो जानकारियां दीं, वह चौंकाने वाली थीं। आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि सबसे पहले मनोज जोशी और तुषार चौहान नाम के शख्स ने अभ्यर्थियों को ये पेपर 15-15 लाख रुपये में बेचा। इसके बाद अपने हिसाब से दाम तय करके पेपर अभ्यर्थियों को बेचे गए। बताया गया कि पेपर खरीदने के लिए लोगों ने लोन लिया और अपनी जमीनें तक बेच दीं। लाखों रुपये खर्च कर पेपर खरीदने वाले कई अभ्यर्थी परीक्षा में पास भी हो गए। कई असफल भी रहे। एसटीएफ की पड़ताल के मुताबिक, अभी तक संदिग्ध 150 से ज्यादा अभ्यर्थियों के नाम सामने आए हैं। यह संख्या 200-250 के आसपास भी पहुंचने का अनुमान है। परीक्षाओं में धांधली का खेल एसटीएफ इन मामलों की जांच कर रही थी कि इसी दौरान उत्तराखंड के कई अन्य सरकारी भर्तियों की परीक्षा में धांधली के मामले सामने आने लगे। इनमें सचिवालय रक्षक भर्ती, कनिष्ठ सहायक ज्यूडिशियरी, फॉरेस्ट गार्ड आदि की परीक्षाएं शामिल हैं। इन सभी मामलों की जांच एसटीएफ कर रही है। बीते 16 सितंबर को यूकेएसएसएससी का पेपर लीक कराने वाले गिरोह के मास्टरमाइंड सैयद सादिक मूसा और उसके करीबी योगेश्वर राव को यूपी पुलिस के सहयोग से लखनऊ से दबोच लिया। मामले में पेपर लीक कराने वाले गिरोह के अलावा यूकेएसएसएससी पर भी गंभीर आरोप लग रहे हैं। इसके बाद बीते दिनों एसएसएससी के चेयरमैन एस राजू ने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए पद से इस्तीफा दे दिया। 13 अगस्त को आयोग के पूर्व सचिव संतोष बडोनी को शासन की ओर से निलंबित कर दिया गया। इसके अलावा अनुभाग अधिकारी और समीक्षा अधिकारियों को भी पद से हटा दिया गया। साथ ही मामले में संलिप्तता को देखते हुए 16 अन्य कर्मचारियों को भी शासन ने इधर-उधर किया है।


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