सरकार बदलते ही बदल गई सोच! पहले PFI के खिलाफ दिया सबूत अब बैन लगने पर मांगने लगे साक्ष्य
पटना: पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया ( PFI ) पर बैन लगने के बाद सियासत शुरू हो गई है। कुछ सरकार के इस कदम का समर्थन किया है तो कुछ साइलेंट मोड में हैं। वहीं आरजेडी और जेडीयू ने पीएफआई पर लगे पाबंदी पर सवाल खड़ा किया है। जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा है कि भारत सरकार को ये बताना चाहिए कि पीएफआई पर प्रतिबंध उन्होंने किन परिस्थतियों में और किन साक्ष्यों के आधार पर लगाया है। ललन सिंह ने कहा है कि भारत सरकार और गृह मंत्रालय के साथ उन मंत्रायलयों को भी यह बताना चाहिए कि पीएफआई पर प्रतिबंध किस आधार पर लगाया गया है। ऐसे में सवाल ये उठने लगा है कि कल तक जब सरकार में थे तो सबूत दिए थे, अब वही साक्ष्य मांगने लगे हैं। पहले दिया सबूत अब मांगने लगे साक्ष्य पटना में पत्रकारों से बात करते हुए जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि पीएफआई के खिलाफ जो भी सबूत मिला, उसे जांच एजेंसियों को मुहैया कराया गया। उन्होंने अपनी बात दोहराते हुए कहा कि जब भी कोई आतंकी घटना होती है या राज्य सरकार को इसकी सूचना मिलती है तो वह भारत सरकार को बताती है। लेकिन केंद्र सरकार और गृह मंत्रालय को बताना चाहिए कि उन्होंने जो बैन लगाया है, उसका आधार क्या है? फुलवारी शरीफ थानेदार को ही मिला था PFI का भड़काउ मैसेज 10 जून 2022 को फुलवारी शरीफ थानेदार इकरार अहमद के मोबाइल पर एक मैसेज आया था। इस मैसेज में एक पैम्पलेट था, और इस पैम्पलेट में देश विरोधी बातें लिखी हुई थीं। लोगों को 'असली मुसलमान' बनने को कहा जा रहा था। थानेदार ने अपने पास आए मैसेज की बिनाह पर एक केस दर्ज किया और मामले की जांच शुरू कर दी। इसके बाद फुलवारीशरीफ थाने की पुलिस ने कई जगहों पर छापेमारी की। इसके बाद जो खुलासा हुआ, उससे पटना पुलिस हिल गई। पीएफआई के पटना मॉड्यूल से पर्दा उठ गया था। बाद में मामले की जांच NIA के हवाले कर दी गई। एनआईए जांच में कई खुलासे हुए, जिसमें बताया गया कि इन सभी के निशाने पर पीएम मोदी थे। 'आरएसएस को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए' इधर, आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने आरएसएस को एक हिंदू कट्टरपंथी संगठन करार दिया है। लालू ने कहा है कि उस पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने कहा कि वे बिना मतलब पीएफआई का भय दिखाते रहे हैं। यह आरएसएस है, जो हिंदू कट्टारपंथ से जुड़ा है और इसे पहले प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। लालू यादव ने कहा कि आरएसएस को पहले भी बैन किया जा चुका है। उन्होंने सरकार से मांग किया कि इस तरह के जितने भी संगठन हैं सबको बैन करिए और जांच करिए, अगर कुछ मिले तो कार्रवाई भी किया जाए। लालू यादव ने कहा कि सबसे पहले आरएसएस पर प्रतिबंध लगाइये, ये पीएफआई से भी बदतर संगठन है, जो हिंदुत्व कट्टरपंथ को आगे बढ़ाता है। सुशील मोदी ने शिवानंद तिवारी को घेरा गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने देशभर में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के आतंकी गतिविधियों में लगातार सक्रिय रहने के सबूत मिलने के बाद प्रतिबंध लगा दिया है। बिहार बीजेपी ने केंद्र सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। बिहार के विभिन्न इलाकों में पिछले दिनों एनआईए द्वारा पीएफआई को लेकर छापेमारी की गई थी। इधर, केंद्र सरकार द्वारा पीएफआई के प्रतिबंधित किए जाने के बाद बीजेपी के नेता सुशील कुमार मोदी ने राजद के नेता शिवानंद तिवारी को घेरा है। बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए लिखा है कि पीएफआई पर प्रतिबंध का स्वागत करते हैं। महागठबंधन के नेता शिवानंद तिवारी ने पीएफआई द्वारा पाकिस्तान जिंदाबाद नारे का समर्थन किया था। बिहार सरकार फुलवारी मामले को एनआईए को देने का विरोध कर रही थी। 'सरकार सपोलों को पालती नहीं, फन कुचल देती है' इधर, विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि पूरी दुनिया जानती है कि मोदी सरकार आतंक को बढ़ावा देने वालों को प्रश्रय नहीं देती। मोदी सरकार ने पीएफआई पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगाकर फिर साबित कर दिया कि यह सरकार सपोलों को पालती नहीं, उसका फन कुचल देती है। उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार के आतंकी गतिविधियों में लिप्त रहने वाले पीएफआई पर बैन लगाने के निर्णय की जितनी तारीफ की जाए कम है। ऐसे निर्णयों का खुले दिल से स्वागत होना चाहिए। पीएफआई के सहयोगी संगठनों को संरक्षित, सुरक्षित करने वाले 'जयचंदो' पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। वहीं, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने पीएफआई पर प्रतिबंध लगाए जाने पर ट्वीट कर लिखा कि बाय बाय पीएफआई। पांच साल के लिए बैन गौरतलब है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पीएफआई को आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के लिए 5 साल के लिए बैन कर दिया है। केंद्र सरकार ने अपने नोटिफिकेशन में कहा है कि वैश्विक आतंकी संगठनों के साथ संबंध और कई आतंकी मामलों में शामिल होने के लिए पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर प्रतिबंध लगाया गया है।
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