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यूपी में निकाय चुनाव पर फैसला आज संभव, निकाय चुनाव को लेकर तय होगा भविष्य... संभावनाओं को समझिए

लखनऊ: उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव को लेकर मंगलवार का दिन महत्वपूर्ण होने वाला है। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच मंगलवार को नगर निकाय चुनाव पर फैसला दे सकती है। हाईकोर्ट में शनिवार को शीतकालीन अवकाश घोषित होने के बाद भी नगर निकाय चुनाव से संबंधित याचिका पर विशेष रूप से मामले की सुनवाई की गई। क्रिसमस की छुट्टियों के बाद मंगलवार को इस मामले पर फैसला आने की चर्चा है। उत्तर प्रदेश में नगर निकाय चुनाव के लिए वार्डों की आरक्षण सूची जारी होने के बाद से ओबीसी आरक्षण का मुद्दा गरमाया हुआ है। हाई कोर्ट में याचिका दायर कर ओबीसी आरक्षण के फार्मूले को नगर निकाय चुनाव में लागू नहीं किए जाने का मामला उठाया गया है। याचिकाकर्ताओं ने सरकार पर ओबीसी आरक्षण की अनदेखी किए जाने का आरोप लगाया है। वहीं, सरकार की ओर से हाई कोर्ट में अपना जवाब पेश किया गया है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट में मंगलवार को इस मामले पर फैसला सुनाने की तैयारी की है। हाई कोर्ट का आदेश आने के बाद यूपी में नगर निकाय चुनाव की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा सकता है। अगर हाईकोर्ट ने नगर निकाय चुनाव पर लगाई गई रोक को बहाल रखा तो इसमें देरी हो सकती है। अभी हाई कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण से संबंधित याचिका पर सुनवाई को लेकर चुनाव की अधिसूचना जारी किए जाने पर रोक लगाई हुई है। अगर चुनाव की अधिसूचना पर रोक हटाई गई तो राज्य निर्वाचन आयोग अगले साल जनवरी-फरवरी तक निकाय चुनाव की प्रक्रिया को पूरा करा सकती है। दरअसल, 12 दिसंबर 2022 को नगर निकायों के चुनाव की पांच साल की अवधि पूरी हो गई। इसके बाद सरकार की ओर से प्रशासक की नियुक्ति करने का फैसला लिया गया है। कोर्ट में मामला लंबा खींचने की स्थिति में नगर निकायों में व्यवस्था जन प्रतिनिधियों की जगह अधिकारियों के पास चली गई है। अधिक दिनों तक यह व्यवस्था न लागू रहे, इसको लेकर हाईकोर्ट ने छुट्टियों की अवधि में विशेष रूप से इस पर सुनवाई की है।

मामला खिंचा तो चुनाव प्रक्रिया पूरी कराने में होगी देरी

कोर्ट में अगर ओबीसी आरक्षण को लेकर कोई बड़ा फैसला आया। सरकार के आरक्षण रोस्टर को पुनरीक्षित किए जाने संबंधी आदेश आने की स्थिति में चुनावी प्रक्रिया को पूरा कराने में वक्त लग सकता है। ऐसी स्थिति में तत्काल चुनाव की अधिसूचना जारी नहीं हो पाएगी। फरवरी के बाद परीक्षाओं के मौसम शुरू हो जाएंगे। परीक्षा और रिजल्ट के दरम्यान नगर निकाय चुनाव करा पाना संभव नहीं हो सकेगा। इस स्थिति में चुनाव प्रक्रिया के दो से तीन माह आगे बढ़ने की आशंका भी जताई जा रही है। इससे नगर निकायों में अपनी सरकार बनाने की चल रही रस्साकसी पर भी असर पड़ेगा।

नगर निकाय चुनाव की तैयारी में जुटे सभी दल

नगर निकाय चुनाव को लेकर यूपी में सभी दल जोर आजमाइश में जुटे हुए हैं। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव लगातार जिलों का दौरा कर रहे हैं। सरकार पर निशाना साध रहे हैं। सोमवार को अखिलेश झांसी में थे। उन्होंने नगर निकाय चुनाव में हो रही देरी के लिए सरकार पर आरोप लगाया। अखिलेश ने कहा कि मैनपुरी लोकसभा सीट पर हुए उप चुनाव में करारी हार भाजपा पचा नहीं पा रही है। इसलिए, नगर निकाय चुनाव में देरी हो रही है। हालांकि, नगर निकाय चुनाव को लेकर भाजपा की सोमवार को बड़ी बैठक हुई। भाजपा ने चुनाव के लिए पूरी तरह तैयार होने का दावा किया है। बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती भी नगर निकाय चुनाव की तैयारियों में जुटी हुई है। पार्टी को एक बार फिर प्रदेश में स्थापित कराने की कोशिश चुनाव में हो रही है। सामाजिक समीकरण तैयार किए जा रहे हैं। सभी दलों की नजर मंगलवार को आने वाले हाई कोर्ट के फैसले पर टिकी है।


from https://navbharattimes.indiatimes.com/metro/lucknow/administration/lucknow-bench-high-court-big-decision-on-municipal-elections-may-come-today-know-what-will-be-effect/articleshow/96526012.cms
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