Latest Updates

पूर्व CM वसुंधरा राजे और केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत के बीच चल रही कौन सी अदावत, गहलोत ने गिना दी ये बातें

जयपुर: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इशारों ही इशारों में बीजेपी नेताओं के बीच चल रही खींचतान को लेकर बड़ा तंज कसा। 4 साल के कार्यकाल का लेखा जोखा पेश करते हुए गहलोत मीडिया से रूबरू हो रहे थे। इस दौरान गहलोत ने कहा कि पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत के बीच जो भी चल रहा है, उसे प्रदेश की जनता क्यों भुगते। राजे के कार्यकाल में ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिए जाने का प्रस्ताव तैयार किया गया। अब उसी प्रस्ताव में केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह खामियां निकाल रहे हैं। अगर प्रस्ताव में कोई कमी है तो पूर्ववर्ती सरकार के दौरान चुप क्यों रहे। उसी समय कमी को दूर कर लिया जाना चाहिए था।

ईआरसीपी को लेकर प्रदेश को धोखा दे रहे हैं शेखावत

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि पूर्व राजस्थान नहर परियोजना को लेकर केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत राजस्थान की जनता को धोखा दे रहे हैं। इसे राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिए जाने की बात को भुलाते हुए नदियां जोड़ने की बातें करके गुमराह कर रहे हैं। गहलोत ने कहा कि जब देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी खुद दो बार राजस्थान आकर ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने की बात कह चुके हैं तो अब मुकर क्यों रहे हैं। गहलोत ने कहा कि प्रदेश की जनता ने 25 के 25 सांसद जिताकर लोकसभा में भेजे। वे सब मिलकर इस परियोजना को पास क्यों नहीं करवा पा रहे हैं। इस दौरान गहलोत ने यह भी कहा कि कई सांसद तो ऐसे हैं जो कहते रहते हैं कि उनकी चलती ही नहीं है।

13 जिलों में रहती है 40 फीसदी आबादी, वो सबक सीखा सकते हैं

गहलोत ने कहा कि पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना प्रदेश के 13 जिलों को पानी उपलब्ध कराएगी। अगर केन्द्र सरकार इसे राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दे तो 13 जिलों को सिंचाई और पेयजल के लिए पर्याप्त पानी मिल सकता है। ये परियोजना किसानों की उन्नति के लिए वरदान साबित हो सकती है। गहलोत ने कहा कि ये परियोजना जिन 13 जिलों से जुड़ी हुई है, उनमें प्रदेश की 40 फीसदी आबादी रहती है। अगर इन जिलों के लोगों ने ठान ली तो ये बीजेपी को सबक सीखा सकते हैं।

क्या है ERCP का मुद्दा

पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना यानी ईआरसीपी असल में 40,000 करोड़ की योजना है, जिसे राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने की मांग की गई है। इसे लेकर केंद्र और राज्य सरकारों के बीच आरोप प्रत्यारोप की राजनीति चल रही है। अगर यह नहर योजना पूरी होती है तो राजस्थान के 13 जिले झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, अजमेर, टोंक, जयपुर, करौली, अलवर, भरतपुर, दौसा और धौलपुर के लोगों को सिंचाई और अन्य जरूरतों के लिए पर्याप्त पानी मिल सकेगा। (रिपोर्ट - रामस्वरूप लामरोड़, जयपुर)


from https://navbharattimes.indiatimes.com/state/rajasthan/jaipur/vasundhara-raje-and-union-minister-gajendra-singh-shekhawat-fight-told-by-ashok-gehlot/articleshow/96307652.cms
'; (function() { var dsq = document.createElement('script'); dsq.type = 'text/javascript'; dsq.async = true; dsq.src = '//' + disqus_shortname + '.disqus.com/embed.js'; (document.getElementsByTagName('head')[0] || document.getElementsByTagName('body')[0]).appendChild(dsq); })();