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नीतीश-तेजस्वी की जोड़ी बनी रहे, जानिए... 'दुश्मन' की सलामती के लिए बीजेपी क्यों मांग रही दुआ

नील कमल, पटना: बीजेपी क्यों चाहती है कि 2025 तक नीतीश कुमार ( Nitish Kumar ) के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार चलती रहे ? बीजेपी क्यों चाहती है कि आगामी विधानसभा चुनाव तक नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ( Nitish Kumar Tejashwi Yadav ) की जोड़ी सरकार चलाती रहे? आखिर बीजेपी ( Bihar BJP ) को इससे क्या फायदा होने वाला है? राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि अगर बिहार में महागठबंधन की सरकार नीतीश कुमार के नेतृत्व में 2024 के बाद भी चलती रहे तो इसका सीधा फायदा 2025 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को मिल सकता है।

खिसक रहा है नीतीश कुमार का वोट बैंक

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि जनता दल यूनाइटेड का वोट बैंक अब दरकने लगा है। 2013 में जब नीतीश कुमार बीजेपी से अलग हुए थे, तभी से जनता दल यूनाइटेड के आधार वोट बैंक में कमी आने लगी थी। जिसका असर 2014 के लोकसभा चुनाव में भी देखने को मिला था जब नीतीश कुमार की पार्टी महज 2 लोकसभा सीट पर जीत हासिल कर सकी थी। इसके बाद 2015 में राष्ट्रीय जनता दल के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की वजह से भी नीतीश कुमार के वोटरों को झटका लगा था। हालांकि तब जेडीयू के वोटरों ने नीतीश कुमार के नाम पर विधानसभा चुनाव में उनके पक्ष में मतदान किया था। इसके बाद 2017 में जब नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय जनता दल का साथ छोड़ा था, तब लालू प्रसाद यादव के वोटर जनता दल यूनाइटेड से बेहद नाराज हुए थे। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यही वजह है कि 2020 के विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल के वोटर ने एकजुट होकर मतदान किया था, जिसकी वजह से आरजेडी बिहार में सबसे बड़े दल के रूप में सामने आई थी। दूसरी तरफ नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री तो बन गए लेकिन उनकी पार्टी जनता दल यूनाइटेड बिहार में तीसरे नंबर की पार्टी बन चुकी थी।

2015 और 2022 के महागठबंधन की ताकत एक जैसी नहीं: नचिकेता नारायण

पीटीआई के बिहार ब्यूरो चीफ नचिकेता नारायण का कहना है कि वह यह नहीं बता सकते कि बीजेपी को क्यों लगता है कि 2025 तक नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की जोड़ी बनी रहने से फायदा होगा। नचिकेता नारायण का कहना है कि यह बात जरूर है कि 2015 में जब महागठबंधन की सरकार बनी थी, उस वक्त आरजेडी और जेडीयू का गठबंधन बेहद मजबूत था। उन्होंने कहा कि 2022 में 7 दलों का जो महागठबंधन तैयार हुआ है, वह 2015 की तुलना में कमजोर दिख रहा है। नचिकेता नारायण ने कहा कि इसे इस बात से समझा जा सकता है कि नवंबर और दिसंबर में बिहार विधानसभा के 3 सीटों पर उपचुनाव हुए थे। उनमें से 2 सीटों पर बीजेपी के उम्मीदवार ने जीत का परचम लहराया था और मोकामा की सीट पर आरजेडी के उम्मीदवार बाहुबली अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी को जीत मिली थी। उन्होंने कहा कि गोपालगंज में जहां बीजेपी ने अपनी सीट बचा ही ली वहीं कुढ़नी की सीटिंग सीट महागठबंधन से छीनकर नीतीश कुमार को बड़ा झटका दे दिया था। नचिकेता नारायण ने कहा कि उपचुनाव के नतीजे की वजह से बीजेपी को यह लग रहा है कि 2025 तक नीतीश तेजस्वी साथ रहते हैं तो दोनों दल के कुछ वोटर टूट कर उनके साथ जुड़ सकते हैं।

जेडीयू के कोर वोटर भी नीतीश कुमार से जा रहे हैं दूर : BJP

भारतीय जनता पार्टी के पूर्व विधायक और प्रदेश प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल का दावा है कि नीतीश कुमार के कोर वोटर भी अब बीजेपी की ओर शिफ्ट होने लगे हैं। प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि नीतीश कुमार बराबर यह कह रहे हैं कि आगामी विधानसभा चुनाव तेजस्वी यादव के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। जबकि सच्चाई यह है कि जनता दल यूनाइटेड के वोटर ने हमेशा राष्ट्रीय जनता दल और लालू प्रसाद यादव के परिवार के खिलाफ मतदान किया है। ऐसे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा तेजस्वी यादव को सत्ता सौंपने की घोषणा किए जाने के बाद से ही जेडीयू के वोटर और कार्यकर्ता बेहद नाराज हैं। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि 2015 में नीतीश कुमार के नाम पर उनके वोटरों ने बढ़-चढ़कर मतदान किया था। लेकिन 2022 में फिर से राष्ट्रीय जनता दल के साथ जाने पर नीतीश कुमार का आधार वोट बैंक लगभग टूट चुका है। जो हाल ही में हुए उपचुनाव में परिलक्षित भी हो गया। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि नीतीश कुमार अब 2025 तक तेजस्वी यादव के साथ रहे तो बीजेपी आगामी विधानसभा चुनाव में अपने दम पर प्रचंड जीत हासिल कर सरकार बनाएगी। इसके अलावा अगर नीतीश कुमार वायदे के मुताबिक तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बना देते हैं तो जनता दल यूनाइटेड का बचाखुचा वोट बैंक भी बीजेपी में शिफ्ट हो जाएगा।


from https://navbharattimes.indiatimes.com/state/bihar/patna/why-bjp-want-nitish-kumar-and-tejashwi-yadav-to-continue-read-inside-story/articleshow/96861569.cms
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