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पब्लिक के लिए गुड न्‍यूज... और सस्ता होगा आटा, सरकार ने घटाए गेहूं के दाम

नई दिल्ली: बाजार में इन दिनों आटे () का भाव आसमान में चढ़ गया है। खुली बोरी वाला आटा भी 35 से 40 रुपये किलो बिक रहा है। तो 45 रुपये से 50 रुपये के बीच जबकि एमपी सरबती का आटा 50 से 55 रुपये प्रति किलो हो गया है। तभी तो पिछले महीने रिटेल इंफ्लेशन भी रिजर्व बैंक के अनुमानित स्तर को पार कर गया। इसी को देखते हुए केंद्र सरकार ने गेहूं का मूल्य घटा दिया है। यही नहीं, राज्य सरकारों को भी अब सस्ते मूल्य पर गेहूं मिलेगा ताकि वह अपनी योजनाओं के तहत इसका वितरण कर सके।

क्या हो गया है दाम

केंद्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग Department of Food and Public Distribution (DFPD) से मिली जानकारी के अनुसार महंगाई पर लगाम लगाने के लिए सरकारी गेहूं की रिजर्व प्राइस घटा दी गई हैं। घटी हुई कीमतें 31 मार्च 2023 तक लागू रहेंगी। मतलब कि जब तक गेहूं की नई फसल बाजार में आ नहीं जाए तब तक यही कीमतें रहेंगी। अब सरकार ने Open Market Sale Scheme (Domestic) {OMSS (D)} के तहत फेयर एवरेज क्वालिटी के गेहूं wheat (FAQ) की कीमत 2150 रुपये प्रति क्विंटल तय की गई है। यह कीमत पूरे देश के लिए है। इसी के साथ Under Relaxed Specifications (URS) wheat की कीमत पूरे देश के लिए 2125 रुपये प्रति क्विंटल तय की गई है।

किन्हें मिलेगा इस दर पर गेहूं

सरकार के मुताबिक उपरोक्त कीमत प्राइवेट मिलर्स और कारोबारियों के लिए तय की गई हैं। अब प्राइवेट पार्टी इसी कीमत को आधार लगा कर बोली लगाएंगे। राज्य सरकार भी चाहे तो इसी कीमत पर गेहूं खरीद कर अपन योजनाओं के तहत इसका वितरण कर सकती हैं। राज्यों को छूट होगी कि वह रिजर्व प्राइस पर ही गेहूं की खरीद करे। उन्हें बोली प्रक्रिया में भाग नहीं लेना होगा।

एफसीआई का तीसरा e-auction होगा अगले सप्ताह

खुले बाजार में गेहूं की उपलब्धता बढ़े, इसके लिए भारतीय खाद्य निगम (FCI) द्वारा की जा रही गेहूं की ई-नीलामी की जा रही है। अभी तक दौ दौर की ई-नीलामी की जा चुकी है। गेहूं की अगली ई-नीलामी के लिए एफसीआई ने आगामी 22 फरवरी का दिन तय किया है। उस दिन गेहूं की रिवाइज्ड रिजर्व प्राइस पर ही ई-नीलामी होगी।

दो ई-नीलामी में 13 लाख टन बिक चुके हैं गेहूं

भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा अभी तक दो बार गेहूं की ई-नीलामी की जा चुकी है। इसके पहले दौर में 9.2 लाख टन गेहूं की बिक्री की गई थी। जबकि इसके दूसरे दौर में 3.85 लाख टन गेहूं की बिक्री की गई। इस तरह दो दौर में अब तक 13.05 लाख टन गेहूं की बिक्री आटा मिलों, गेहूं उत्पाद निर्माताओं और व्यापारियों जैसे थोक खरीदारों को की गई है।

सेंट्रल पूल से बिकेगा 30 लाख टन गेहूं

बाजार में गेहूं एवं आटे की बढ़ती कीमतों को थामने के लिए सरकार ने बीते 26 जनवरी को एक बड़ा फैसला लिया था। यह फैसला था केंद्रीय पूल से खुले बाजार में 30 लाख टन गेहूं की बिक्री का। इसमें से 25 लाख गेहूं की बिक्री एफसीआई ने ई-नीलामी के जरिये थोक खरीदारों को करने का फैसला किया था। बाकी 5 लाख टन गेहूं केंद्रीय एजेंसियों और राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेश को बिना नीलामी के देने का फैसला किया गया था। प्राइवेट पार्टी के लिए अगले 15 मार्च तक हर बुधवार को गेहूं की ई-नीलामी की जा रही है।

खुली बिक्री का नतीजा दिखा है

बाजार में गेहूं की खुली बिक्री करने के सरकार के कदम का असर बाजार में साफ दिखने लगा है। ई-नीलामी शुरू होने के बाद से गेहूं की थोक और खुदरा कीमतों में गिरावट आने लगी है। पहली नीलामी के बाद ही थोक में गेहूं के भाव 600-700 रुपये प्रति क्विंटल तक घट गए हैं।


from https://navbharattimes.indiatimes.com/business/commodity/aata-will-be-cheaper-government-reduced-the-price-of-wheat/articleshow/98031195.cms
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