क्रूड की कीमत आधी, फिर भी भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमत पाकिस्तान से ज्यादा
नई दिल्ली: पिछले साल जब रूस ने यूक्रेन पर हमला किया था तो कच्चा तेल 139 डॉलर प्रति बैरल चला गया था। इसके बाद इसमें काफी गिरावट आई है। अभी यह 73 डॉलर प्रति डॉलर प्रति बैरल के आसपास मंडरा रहा है। इस तरह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमत करीब आधा रह गई है। लेकिन देश में पेट्रोल और डीजल की कीमत () में मई के बाद से कोई बदलाव नहीं आया है। ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने आखिरी बार पिछले साल अप्रैल महीने के दौरान पेट्रोल-डीजल की कीमत में बदलाव किया था। इसके बाद मई में केंद्र ने पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी कम की थी। तबसे पेट्रोल-डीजल की कीमत जस की तस बनी हुई है जबकि इस दौरान कच्चे तेल की कीमत में भारी बदलाव आया है। दिल्ली में शनिवार को 96.72 रुपये और डीजल का भाव 89.62 रुपये प्रति लीटर है।
आखिर कब आएगी पेट्रोल-डीजल की कीमत में कमी?
सूत्रों का कहना है कि देश में पेट्रोल-डीजल की कीमत में फिलहाल कोई राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। इसकी वजह यह है कि कच्चे तेल की हाई प्राइस के कारण ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (OMCs) को पिछली तिमाहियों में नुकसान हुआ है। अभी उनका घाटा 18,000 करोड़ रुपये का है। इस घाटे से उबरने में तेल कंपनियों को समय लग सकता है। इसलिए हाल फिलहाल पेट्रोल-डीजल की कीमत में राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। अमेरिका में बैंकिंग संकट के कारण कच्चे तेल की कीमत में गिरावट आई है। आने वाले दिनों में इस संकट के और गहराने के आसार हैं। इस कारण कच्चे तेल की कीमत और नीचे जा सकती हैं।सरकार ने क्या कहा
संसद में एक सवाल के जबाव में पेट्रोलियम मिनिस्ट्री ने बताया कि दिसंबर 2021 से मार्च 2023 के बीच इंडियन बास्केट के लिए क्रूड ऑयल प्राइस की कीमत रुपये के संदर्भ में 23 फीसदी बढ़ी है। इस दौरान दिल्ली में पेट्रोल की कीमत में 1.08 फीसदी और डीजल की कीमत में 3.40 फीसदी बढ़ोतरी हुई है। मंत्रालय ने कहा कि कच्चे तेल की कीमत में भारी बढ़ोतरी के बावजूद छह अप्रैल से पेट्रोल-डीजल की कीमत में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। ऑयल मार्केटिंग कंपनियों का कुल घाटा अप्रैल 2022 से दिसंबर 2022 के बीच 18,622 करोड़ रुपये रहा।फाइनेंशियल ईयर 2023 के पहले हाफ में इन कंपनियों का घाटा 22,000 करोड़ रुपये था। लेकिन तीसरी तिमाही के बाद इसमें कुछ सुधार हुआ। कुछ सूत्रों का कहना है कि अगर तेल की कीमत 70 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आती हैं और इस स्तर पर बनी रहती हैं तो पेट्रोल और डीजल की कीमत में कमी आ सकती है। 16 मार्च को इंडियन क्रूड ऑयल बास्केट की कीमत 73.86 डॉलर प्रति बैरल थी। पिछले साल मार्च में दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 101.81 रुपये लीटर थी जबकि डीजल की कीमत 89.62 रुपये प्रति लीटर थी।कंगाल पाकिस्तान में सस्ता है पेट्रोल-डीजल
भारत के मुकाबले पाकिस्तान में पेट्रोल और डीजल सस्ता है। आर्थिक बदहाली से जूझ रहे पाकिस्तान में पिछले एक साल के दौरान पेट्रोल की कीमत में 22 फीसदी और डीजल की कीमत में 45.16 फीसदी की भारी भरकम बढ़ोतरी हुई है। इसके बावजूद वहां पेट्रोल और डीजल की कीमत भारत से कम है। पाकिस्तान में पिछले साल मार्च में पेट्रोल की कीमत 69.01 रुपये थी जो अब 84.47 रुपये पहुंच चुकी है। इस दौरान डीजल की कीमत 61.6 रुपये से बढ़कर 89.42 रुपये पहुंच चुकी है। इसी तरह बांग्लादेश में पिछले एक साल में पेट्रोल की कीमत में 28 फीसदी और डीजल की कीमत में 20.23 फीसदी बढ़ोतरी हुई है। देश में पेट्रोल की कीमत 98.71 रुपये और डीजल की कीमत 86.07 रुपये लीटर है।श्रीलंका और नेपाल में क्या है हाल?
आर्थिक बदहाली से जूझ रहे एक और पड़ोसी देश श्रीलंका में पेट्रोल की कीमत (Petrol price in Sri Lanka) पिछले एक साल में 38 फीसदी और डीजल की कीमत 104.02 फीसदी बढ़ी है। वहां अभी पेट्रोल 91.73 रुपये और डीजल 92.87 रुपये लीटर मिल रहा है। नेपाल (Nepal) में पेट्रोल में 22 फीसदी और डीजल में 36.09 फीसदी बढ़ोतरी हुई है। वहां पेट्रोल अभी 112.47 रुपये और डीजल 110.57 रुपये लीटर मिल रहा है। पेट्रोल के मुकाबले डीजल बनाना महंगा पड़ता है।from https://navbharattimes.indiatimes.com/business/commodity/no-petrol-diesel-price-cut-likely-in-india-in-near-term/articleshow/98740932.cms