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गरीबी में संघर्ष किया, पैर भी टूटा, पर हिम्मत नहीं...अब एशियन चैंपियनशिप और एशियन गेम्स हिस्सा लेंगी प्रीती

फरीदाबाद: जवां गांव के जगबीर लांबा के घर में आज चारों तरफ खुशियां छाई हैं। सुबह से ही दोस्त, परिचित और रिश्तेदारों के फोन आ रहे हैं। घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा है। ऐसा हो भी क्यों न, उनकी बेटी प्रीति लांबा ने एशियन चैंपियनशिप और एशियन गेम्स के लिए क्वॉलिफाई जो कर कर लिया है। झारखंड के रांची में चल रहे 26वें नैशनल फेडरेशन कप में सोमवार शाम हुए मुकाबले में शानदार प्रदर्शन करते हुए यह उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने तीन हजार मीटर स्टीपलचेंज रेस में गोल्ड मेडल हासिल किया है। उन्होंने बताया कि यूं तो क्वॉलिफाई करने के लिए रेस को 9:58 मिनट में पूरा करना था और उन्होंने लगभग 11 सेकंड पहले यानी 9:47 मिनट में ही रेस पूरी कर ली।अब प्रीती लांबा 11 से 17 जुलाई तक चीन में होने वाली एशियन चैंपियनशिप में हिस्सा लेंगी। इसके बाद एशियन गेम्स में देश का प्रतिनिधित्व करेंगी। प्रीति ने अपनी जीत का श्रेय पति विक्की तोमर, पिता जगवीर और अपने शुरुआती कोच रोशन लाल मलिक को दिया है।

पैर टूटा, पर हिम्मत नहीं हारीं

प्रीति लंबा ने बताया कि वह साल 2007 से ही दौड़ का अभ्यास कर रही हैं। उन्होंने अपने खेल के लिए काफी संघर्ष किया। उनके पिता पेट्रोल पंप पर काम करते हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति शुरू से ही कमजोर रही है। ऐसे में उन्हें खेल खेलने में काफी दिक्कत आई। परिवार में पिता, बहन व भाइयों का काफी सहयोग मिला। गांव के ही रोशन लाल मलिक उनके शुरुआती कोच थे। उन्होंने खेल के लिए ट्रेनिंग देने के साथ ही डाइट आदि का भी पूरा ध्यान रखा।शादी के बाद पति विक्की तोमर से भी हर कदम पर सहयोग मिल रहा है। उन्होंने बताया कि साल 2017 में नैशनल कैंप में अभ्यास करने के दौरान उनका पैर टूट गया था। उस समय लगा था कि अब वह ट्रैक पर पहले की तरह नहीं दौड़ पाएंगी। सभी लोगों ने हौसला बढ़ाया और मेरी हिम्मत को टूटने नहीं दिया, जिसके चलते एक महीने में ही रिकवरी कर वह दोबारा ट्रैक पर लौट आईं।

बेटी की कामयाबी पर खुश हैं पिता

जगबीर लांबा ने बताया कि उनकी बेटी बचपन से ही होनहार है। अपने संबंधियों से पैसे लेकर प्रीति की ट्रेनिंग व खेल संबंधित अन्य जरूरतों को पूरा किया है। आज वह रेलवे में नौकरी कर रही है और अब एशियन गेम्स में देश का प्रतिनिधित्व करेगी। बेटी ने साल 2009 में पहला मेडल जीता था और अब तक वह नैशनल लेवल पर 50 से अधिक मेडल जीत चुकी हैं। पति विक्की तोमर ने बताया कि प्रीति फिलहाल रेलवे में नौकरी कर रही है।तमिलनाडु में अपने खेल का अभ्यास कर रही है। उन्होंने वर्ल्ड रेलवे गेम्स में दो बार गोल्ड मेडल जीता है। इसके साथ ही साउथ एशियन गेम्स की पांच हजार मीटर रेस में ब्रॉन्ज़ मेडल अपने नाम किया है। उम्मीद है कि वह एशियन चैंपियनशिप व गेम्स में भी शानदार प्रदर्शन करेंगी।


from https://navbharattimes.indiatimes.com/state/punjab-and-haryana/faridabad/haryana-faridabad-priti-lamba-practicing-tamil-nadu-for-asian-championship-and-asian-games/articleshow/100288787.cms
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