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निशाने पर था अयोध्या! यूपी एटीएस से पूछताछ में गिरफ्तार संदिग्धों का बड़ा खुलासा, खालिस्तानियों का हाथ

अभय सिंह राठौड़, लखनऊ: अयोध्या से हिरासत में लिए गए तीन संदिग्धों से यूपी एटीएस की पूछताछ में कई चौकानें वाले खुलासे हुए हैं। यह सभी आरोपी अयोध्या में किसी घटना को अंजाम देने के लिए रेकी कर रहे थे। वहीं पूछताछ के बाद एटीएस की टीम ने एक गैंगेस्टर सहित उसके दो साथियों को गिरफ्तार कर लिया है। यह सभी आरोपी राजस्थान के रहने वाले हैं।वहीं एटीएस पूछताछ में शंकरलाल दुसाद ने बताया कि विदेश में रह रहे हरमिन्दर सिंह उर्फ लांडा जो खालिस्तान समर्थक है, उसने मुझे निर्देश दिया की गुरपतवन्त सिंह पन्नू ने कहा है कि अयोध्या जाकर वहां रेकी कर नक्शा भेजे और उसके निर्देश का इंतजार करे। उसी अनुसार घटना का अंजाम दिया जाएगा। इसके लिए सामग्री उपलब्ध करा दी जाएगी। इसलिए हम लोग अपने वाहन में श्रीराम का झण्डा लगाकर रेकी कर रहे थे, जिससे हम पर किसी का शक न जाए। बता दें शंकर लाल 7 साल जेल में काटने के बाद जमानत पर वापस आया है।पकड़े गए तीनों संदिग्ध की पहचान राजस्थान निवासी शंकर लाल दुसाद, अजीत कुमार शर्मा और प्रदीप पुनिया के रूप में हुई है। इसमें शंकर लाल दुसाद के खिलाफ साल 2007 से 2014 के बीच कुल 7 केस राजस्थान में दर्ज है। शंकर लाल 7 साल जेल में काटने के बाद जमानत पर वापस आया है। दोनों संदिग्ध आरोपियों को लेकर शंकरलाल ने बताया कि ये उसके साथी है और वो इनको अपने साथ मदद के लिए लाया था। तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर, उनके खिलाफ थाना एटीएस में धारा 419, 420, 467, 468, 471, 120बी, 121ए के तहत मुकदमा दर्ज कर अग्रिम कार्रवाई की जा रही है।दरअसल 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले श्रीरामलला के प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर विशेष सतर्कता और सुरक्षा अभियान चलाया जा रहा है। इसी क्रम में एटीएस को इनपुट मिला कि एक गैंगस्टर अपने कुछ साथियों के साथ सड़क के रास्ते श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या आ रहा है। इसी इनपुट पर कार्रवाई करते हुए यूपी एटीएस की टीम ने एक संदिग्ध गाड़ी को चिन्हित कर उसका पीछा किया। ये संदिग्ध गाड़ी अयोध्या के विभिन्न संवेदनशील जगहों पर भ्रमण कर रही थी। जब एक सफेद रंग की स्कॉर्पियों गाड़ी सवार अयोध्या में त्रिमूर्ति होटल में जाने लगे, तभी एटीएस की टीम ने इन संदिग्धों को पकड़ कर हिरासत में ले लिया था।पूछताछ में सामने आया कि सेन्ट्रल जेल बीकानेर में बन्द रहने के दौरान जेल में बन्द लखबिन्दर से शंकरलाल दुसाद की जान-पहचान हो गयी थी। जेल से छूटने के समय लखबिन्दर ने शंकरलाल दुसाद से कहा था कि मेरे भांजे पम्मा से मुलाकात कर लेना। पम्मा ने शंकरलाल दुसाद को कनाडा में रह रहे खालिस्तान समर्थक गैंगस्टर सुखबिन्दर गिल उर्फ सुखडोल सिंह गिल उर्फ सुखदिल का नम्बर दिया और कहा कि व्हाट्सएप कॉल से बात करने के लिए कहा। एटीएस ने बताया कि इसके बाद शंकर लाल दुसाद की सुखबिन्दर उर्फ सुक्खा से व्हाट्सएप के जरिये बात होने लगी थी। सुक्खा ने शंकर से कहा कि तुम्हारे गैंग के लोगों और खालिस्तानी समर्थकों की हत्या में गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई का हाथ है और तुम बदला लेने में हमारी मदद करो। सितम्बर 2023 में कनाडा में सुखबिन्दर उर्फ सुक्खा की हत्या हुई थी।एटीएस पूछताछ में यह भी सामने आया कि शंकर लाल दुसाद कुख्यात गैंगस्टर राजेन्द्र जाट उर्फ राजू ठेहट का करीबी रहा है। गैंगवार में राजू ठेहट के मारे जाने के बाद से उसके गैंग का संचालन शंकरलाल दुसाद ही कर रहा था। शंकरलाल अवैध रूप से धन अर्जित करके दूसरों के नामों से मेघालय माइनिंग और राजस्थान में ट्रांसपोर्ट का काम भी किया था। जेल से छूटने के बाद शंकरलाल फिर से गैंग की सहायता से ट्रांसपोर्ट का काम शुरू करने वाला था।


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