राज्यसभा में कांग्रेस सांसद अचानक हो गईं बेहोश, विपक्ष ने कार्यवाही जारी रखने पर सरकार की आलोचना की
नई दिल्ली: विपक्षी सांसदों ने राज्यसभा में शुक्रवार को एक सदस्य के बेहोश होने और उन्हें अस्पताल ले जाने के बाद भी सदन की कार्यवाही जारी रखने पर आपत्ति जताते हुए सरकार की आलोचना की। विपक्षी सांसदों ने सरकार पर सदस्य के प्रति उदासीनता दिखाने का आरोप लगाया। उच्च सदन में यह घटना उस समय हुई जब नीट-यूजी मुद्दे पर विपक्ष के हंगामे के बीच छत्तीसगढ़ से कांग्रेस सदस्य फूलो देवी नेताम अचानक बेहोश हो गईं और उन्हें राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया। सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन की कार्यवाही स्थगित करने से इनकार कर दिया। इसके बाद विपक्षी दलों ने राज्यसभा से वॉकआउट किया।कार्यवाही के दौरान बेहोश हो गई थीं नेतामबाद में सभापति धनखड़ ने सदन को बताया कि उनके स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है। सभापति ने कहा, ‘मुझे अस्पताल से जानकारी मिली है। डॉक्टरों के अनुसार, वह ठीक हो रही हैं और वह विभिन्न जांच के लिए दो-तीन घंटे तक वहां रहेंगी। राज्यसभा के अधिकारी भी वहां हैं...।’ भोजनावकाश के बाद बैठक शुरू होने पर राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा हो रही थी और भाजपा की कविता पाटीदार अपनी बात रख रही थीं। इसी दौरान नेताम अचानक बेहोश होकर गिर गईं। इसके बाद सभापति ने दोपहर दो बज कर करीब बीस मिनट पर बैठक को दस मिनट के लिए स्थगित कर दिया।RML अस्पताल में कराया गया भर्तीदोपहर ढाई बजे जब राज्यसभा की कार्यवाही फिर शुरू हुई तो द्रमुक सदस्य तिरुचि शिवा ने सदन को बताया कि फूलो देवी नेताम को ब्लड प्रेशर की शिकायत है। इस पर सभापति धनखड़ ने कहा, ‘मैंने सभी कदम उठाए हैं, सदन का कामकाज स्थगित किया है। सभी व्यवस्थाएं की गई हैं और यही किया जा सकता था। सभी चीजों का ध्यान रखा जा रहा है।’ राज्यसभा सदस्यों के अनुसार, नेताम का ब्लड प्रेशन 214/140 तक बढ़ गया था, जिसे डॉक्टर ने खतरनाक बताया। उन्हें राम मनोहर लोहिया अस्पताल ले जाया गया और ‘आईसीयू’ में भर्ती कराया गया।खरगे ने सरकार के रवैये की आलोचना कीराज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने बाद में नेताम से अस्पताल में मुलाकात की और कहा कि उनकी तबियत ठीक हो रही है। खरगे ने सांसदों का सम्मान नहीं करने के लिए सरकार की आलोचना की और इस रवैये की निंदा की। उन्होंने कहा, 'इस सरकार और संसद, खासकर राज्यसभा से करुणा की बात करें... लोगों के लिए कोई करुणा नहीं है। उन्होंने सदन की कार्यवाही जारी रखी, वे यह देखने नहीं आए कि क्या हुआ।' खरगे ने कहा, 'हम भी सदन चलाना चाहते हैं, लेकिन उनका तरीका क्या है... एक सदस्य बेहोश हो गईं, उन्होंने यह भी नहीं देखा कि क्या हो रहा है। उन्होंने सदन को कुछ देर के लिए स्थगित कर दिया और घटना पर कोई चिंता व्यक्त नहीं की।'उन्होंने कहा, 'सदस्यों के साथ ऐसा आचरण नहीं किया जाना चाहिए, उन्हें जो सम्मान दिया जाना चाहिए, वह नहीं मिल रहा है और मैं इस रवैये की निंदा करता हूं।' खरगे बताया कि नेताम को आईसीयू में भर्ती कराया गया है और उनकी हालत में सुधार हो रहा है। उन्होंने कहा कि यह जांचने के लिए सीटी स्कैन किया गया कि मस्तिष्क प्रभावित हुआ है या नहीं और उनकी कुछ और जांच की जाएगी।रेणुका चौधरी ने भी जताया विरोधकांग्रेस नेता रेणुका चौधरी ने कहा कि नेताम सदन में विरोध करते समय बेहोश हो गई थीं और उन्होंने एक सदस्य को अस्पताल ले जाने के बाद भी सदन की कार्यवाही जारी रखने के लिए राज्यसभा के सभापति की आलोचना की। चौधरी ने कहा, 'एक सांसद बेहोश हो गईं, संसद के डॉक्टर ने देखा कि उसका रक्तचाप खतरनाक स्तर पर था। कुछ सांसद उनकी देखभाल के लिए अस्पताल जा रहे थे लेकिन सदन चलता रहेगा... एक व्यक्ति, एक संसद सदस्य, एक महिला के जीवन का कोई मूल्य नहीं है।'डीएमके नेता तिरुचि शिवा ने कहा कि उन्हें वॉकआउट के लिए मजबूर किया गया। उन्होंने कहा, 'हमने नीट मुद्दे पर चर्चा के लिए नियम 267 के तहत नोटिस दिया... लेकिन उन्होंने इसकी अनुमति नहीं दी। विपक्षी दल नारे लगा रहे थे, जो असामान्य बात नहीं है। सत्ता पक्ष ने उस पर ध्यान नहीं दिया। अचानक फूलो देवी बेहोश हो गईं, उसके बाद भी वे बहस जारी रख रहे हैं।' तृणमूल कांग्रेस सांसद सागरिका घोष ने कहा कि नेताम के बेहोश होने पर सरकार की ओर से कोई चिंता नहीं थी। झारखंड मुक्ति मोर्चा की सांसद महुआ माझी ने कहा कि वह नेताम के साथ एम्बुलेंस में थीं और उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया है और उनकी हालत में सुधार हो रहा है।
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