उत्तराखंड में वर्क फ्रॉम विलेज: देहरादून और हल्द्वानी के पास दो गांव बनेंगे डिजिटल नोमैड विलेज, प्लान जानिए

देहरादून: उत्तराखंड सरकार की ओर से कामकाजियों को आकर्षित करने के लिए विशेष योजना तैयार की जा रही है। वर्क फ्रॉम विलेज को सरकार के स्तर पर प्रमोट करने की तैयारी है। इसके लिए उत्तराखंड सरकार ने सिक्किम और गोवा के फॉर्मूले को लागू करने की तैयारी की है। दोनों राज्यों की तर्ज पर प्रदेश के पहाड़ी गांवों को डिजिटल नोमैड विलेज में बदलने जा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में वर्क फ्रॉम विलेज कांसेप्ट को लागू करने की दिशा में ठोस कदम उठाया है। देहरादून और हल्द्वानी के आसपास दो गांवों को पायलट प्रोजेक्ट के तहत विकसित करने के निर्देश दिए गए हैं।धामी सरकार की प्लानिंग इन गांवों में हाई-स्पीड इंटरनेट, वाई-फाई, सड़क, बिजली, पानी और ड्रेनेज जैसी मूलभूत सुविधाएं सुनिश्चित कराने की है। साथ ही, होम स्टे की व्यवस्था को भी और अधिक आकर्षक और व्यवस्थित बनाया जाएगा। इससे डिजिटल काम करने वालों को एक सुविधाजनक माहौल मिलेगा। वे इन गांवों के सुकून भरे माहौल में अपने ऑफिस वर्क को पूरा कर पाएंगे। साथ ही, प्राकृतिक नजारों का लुफ्त भी उठा सकेंगे।
पलायन रोकने की रणनीति
धामी सरकार ने राज्य में बढ़ते पलायन की चुनौती से निपटने के लिए वर्क फ्रॉम विलेज मॉडल को अपनाने की तैयारी की है। इस कॉन्सेप्ट को कारगर माना जा रहा है। सीएम धामी ने सचिव शैलेश बगोली को जिम्मेदारी सौंपी है कि सिक्किम और गोवा जैसे राज्यों में सफल रहे इस मॉडल का अध्ययन कर उत्तराखंड में इसकी प्रभावी रूपरेखा तैयार करें।याकटेन गांव है मॉडल
भारत का पहला डिजिटल नोमैड विलेज सिक्किम का याकटेन गांव है, जिसे सरकार मॉडल के रूप में देख रही है। उत्तराखंड में भी ऐसा ही माहौल तैयार कर युवाओं को अपने गांवों में ही काम करने और पर्यटन के जरिए रोजगार अर्जित करने की दिशा में प्रेरित किया जाएगा।आर्थिक सशक्तिकरण में मददगार
उत्तराखंड के गांवों में पहले से ही होम स्टे योजना के तहत देश-विदेश के पर्यटकों को आकर्षित किया जा रहा है। अब इन होम स्टे को वर्क फ्रॉम विलेज मॉडल से जोड़ते हुए ग्रामीणों को आय के नए साधन उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके लिए छोटे उद्योगों को बढ़ावा देने और ई-ऑफिस जैसी डिजिटल कार्यप्रणालियों को भी बढ़ावा देने की तैयारी है।दिल्ली-एनसीआर से हर वीकेंड पर पहाड़ों पर जाने वालों की लाइन लगी रहती है। अगर उन्हें वहां काम करने का बेहतर माहौल मिले तो वर्क फ्रॉम होम वाले कामगार यहां पर काम करने के लिए बड़ी संख्या में पहुंच सकते हैं।सीएम ने बनाई रणनीति
राज्य सरकार का मानना है कि डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर के विस्तार के साथ ही गांवों में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे और पलायन पर लगाम लगेगी। पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद अन्य पहाड़ी क्षेत्रों में भी इस योजना को विस्तार देने की तैयारी है। सीएम धामी की रणनीति को आगे बढ़ाने की दिशा में कदम बढ़ाया गया है।from https://navbharattimes.indiatimes.com/state/uttarakhand/dehradun/uttarakhand-now-work-from-village-two-villages-near-dehradun-and-haldwani-will-become-digital-nomad-villages/articleshow/122887768.cms