Latest Updates

जगदीप धनखड़ को उपराष्‍ट्रपति रहते कितनी मिल रही थी सैलरी, क्‍या-क्‍या भत्ते?

नई दिल्‍ली: भारत के 14वें उपराष्ट्रपति ने स्वास्थ्य कारणों और चिकित्सीय सलाह का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक औपचारिक पत्र लिखकर संविधान के अनुच्छेद 67 (ए) के अनुसार तत्काल प्रभाव से पद छोड़ने के अपने फैसले की जानकारी दी। अगस्त 2022 में पदभार संभालने के बाद से धनखड़ ने उपराष्ट्रपति के रूप में अपनी भूमिका निभाई, जिसमें वह राज्यसभा के सभापति भी थे। कई लोगों के मन में सवाल है कि उपराष्‍ट्रपति रहते हुए धनखड़ को कितनी सैलरी मिल रही थी। वह और किस तरह के भत्‍तों और सुविधाओं के हकदार थे। आइए, यहां इसके बारे में जानते हैं।

उपराष्‍ट्रपत‍ि को क‍ितनी म‍िलती है सैलरी?

उपराष्ट्रपति रहते हुए जगदीप धनखड़ को हर महीने 4 लाख रुपये का वेतन मिल रहा था। लेकिन, यह जानना महत्वपूर्ण है कि भारत में उपराष्ट्रपति पद के लिए सीधे तौर पर कोई वेतन निर्धारित नहीं होता है। इसके बजाय, उपराष्ट्रपति को यह वेतन राज्यसभा के पदेन सभापति (एक्‍स-ऑफिसियो चेयरमैन) के रूप में मिलता है। यह व्यवस्था 'संसद अधिकारी के वेतन और भत्ते अधिनियम, 1953' के तहत की गई है। 2018 में हुए संशोधन से पहले यह वेतन 1.25 लाख रुपये प्रति माह था। इसे बाद में बढ़ाकर 4 लाख रुपये कर दिया गया था।

क‍िन-क‍िन भत्तों और सुव‍िधाओं के हकदार

वेतन के अलावा, उपराष्ट्रपति को कई अन्य भत्ते और सुविधाएं भी मिलती हैं, जिनमें शामिल हैं:सरकारी आवास: उन्हें दिल्ली में एक मुफ्त सरकारी आवास (उपराष्ट्रपति भवन) मिलता है। मुफ्त चिकित्सा सुविधा: उन्हें और उनके परिवार को व्यापक चिकित्सा सुविधाएं मिलती हैं।यात्रा सुविधाएं: उन्हें ट्रेन और हवाई यात्रा की मुफ्त सुविधा उपलब्ध हैं।संचार सुविधाएं: इसमें लैंडलाइन कनेक्शन और मोबाइल फोन सेवाएं शामिल हैं।दैनिक भत्ता: आधिकारिक कर्तव्यों के लिए दैनिक भत्ता भी मिलता है।सुरक्षा और स्टाफ: उन्हें उच्च स्तरीय व्यक्तिगत सुरक्षा के साथ-साथ आधिकारिक कामों में सहायता के लिए पर्याप्त स्टाफ भी प्रदान किया जाता है।वाहन और परिवहन: आधिकारिक वाहनों के साथ चालक और ईंधन के खर्च की सुविधा भी मिलती है।कार्यालय व्यय: कार्यालय के रखरखाव और आधिकारिक खर्चों के लिए भत्ता दिया जाता है।

संसद सदस्‍यों का जताया आभार

अपने कार्यकाल को याद करते हुए धनखड़ ने संसद सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त किया। कहा कि उन्हें मिला स्नेह और विश्वास उनकी यादों में हमेशा रहेगा। उन्होंने अपने कार्यकाल को सीखने और विकास की एक अमूल्य अवधि बताया। उन्होंने भारत के आर्थिक उत्थान और वैश्विक स्थिति के 'परिवर्तनकारी युग' में सेवा करने के विशेषाधिकार पर जोर दिया। उनका इस्तीफा भारतीय राजनीतिक परिदृश्य में अप्रत्याशित घटना है।


from https://navbharattimes.indiatimes.com/business/business-news/vice-president-jagdeep-dhankhar-resigns-a-look-at-salary-allowances-and-perks/articleshow/122819465.cms
'; (function() { var dsq = document.createElement('script'); dsq.type = 'text/javascript'; dsq.async = true; dsq.src = '//' + disqus_shortname + '.disqus.com/embed.js'; (document.getElementsByTagName('head')[0] || document.getElementsByTagName('body')[0]).appendChild(dsq); })();