मरीजों के स्वास्थ्य के साथ नॉर्थ एमसीडी कर रही खिलवाड़, डॉक्टरों को यू-ट्यूब देखकर कोरोना संक्रमितों का इलाज करने को कहा
(धर्मेंद्र डागर).नॉर्थ एमसीडी ने कोरोना वायरस संक्रमितों के इलाज के लिए अपने सभी 6 अस्पतालों के डॉक्टरों को अजीबोगरीब निर्देश जारी किया है। दरअसल, कोरोना संक्रमित मरीज को जब सांस लेने में तकलीफ होने लगती है तो डॉक्टर गले में एंडोट्रिकल इनट्यूबेशन नामक नली डालते हैं। इस नली को एक प्रशिक्षित डॉक्टर ही डालता है।स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइन में स्पष्ट निर्देश है कि इसका इस्तेमाल प्रशिक्षित डॉक्टर ही करें। लेकिन ठीक इसके उलट नॉर्थ एमसीडी के निदेशक, अस्पताल प्रशासन ने एक अधिसूचना जारी की है।
यू-ट्यूब कोई सरकार की मान्यता प्राप्त साइट नहीं
अधिसूचनामें कहा गया है कि कोरोना का इलाज करने के लिए डॉक्टर यू-ट्यूब से गले में डाली जाने वाली नली की प्रक्रिया की जानकारी लेकर मरीजों का इलाज करें।वहीं स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी खतरनाक बीमारी का प्रशिक्षण विशेषज्ञ डॉक्टरों की निगरानी में ही दिया जाना चाहिए। यू-ट्यूब कोई सरकार की मान्यता प्राप्त साइट नहीं है। यह मरीज के स्वास्थ्य के घातक साबित हो सकता है।
प्रशिक्षित डॉक्टर की देखरेख में ही ली जाए ट्रेनिंग
31 मार्च 2020 को भारत सरकार द्वारा जारी गाइड लाइन में साफ शब्दों में लिखा गया है कि इसका प्रयोग केवल प्रशिक्षित और अनुभवी डॉक्टर ही करेंगे। कोरोना वायरस के इलाज का प्रशिक्षण किसी वरिष्ठ डॉक्टर की निगरानी में किया जाना चाहिए। डॉक्टरों को मरीज का इलाज करते समय मास्क, सेनिटाइजर, सोशल डिस्टेंस, पीपी किट जैसे अन्य कई बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है। अस्पताल में हर दो घंटे बाद साफ-सफाई, के साथ-साथ नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ और सफाई कर्मचारियों को भी पीपी किट पहननी चाहिए। इससे भी पहले भारत सरकार एवं भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने 21 मार्च 2020 को एक गाइड लाइन जारी की थी। इसमें स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत सभी कर्मचारियों को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन नामक दवा दिए जाने की पेशकश की थी। लेकिन नॉर्थ एमसीडी ने कोई गाइडलाइन जारी नहीं की। आज तक बहुसंख्यक स्वास्थ्य कर्मचारियों को यह दवा नहीं मिली है।
सोशल डिस्टेंसिंग के लिए लिया फैसला: डॉ. यादव
नॉर्थ एमसीडी निदेशक (अस्पताल प्रशासन) डॉ. अरुण कुमार यादव का कहना है कि मेडिकल कॉलेजों में भी ऑनलाइन पढाई होती है। समय के अभाव में यू-ट्यूब से कोरोना वायरस के इलाज की बेिसक जानकारी डॉक्टर हासिल कर सकते हैं। कोरोना सक्रंमण को देखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी है।
यू-ट्यूब से ट्रेनिंग मरीजों के स्वास्थ्य से खिलवाड़: डॉ. बंसल
दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व सदस्य डॉ. अनिल बंसल का कहना है कि कोरोना वायरस के इलाज की ट्रेनिंग यू-ट्यूब व ऑनलाइन कराना गलत है। बीमारी का इलाज व किस बीमारी में कौन-कौन सी दवाएं इस्तेमाल की जानी है, सब किताबों में लिखा हुआ है। लेकिन प्रैक्टिकल ट्रेनिंग बहुत जरूरी है। एमबीबीएस करने के बाद अस्पताल के वार्डों में प्रैक्टिकल कराया जाता है। यू-ट्यूब के ट्रेनिंग लेना मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है।
लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़: पवार
नार्थ एमसीडी में आम आदमी पार्टी के पार्षद व नेता विपक्ष सुरजीत सिंह पवार का कहना है कि डॉक्टरों को कोराेना वायरस के इलाज की यू-टयूब से ट्रेनिंग देना सरासर गलत है। यू-टयूब सरकार की ऑथराइज साइट नहीं है, हो सकता है इसमें कुछ गलत जानकारी भी हो। ऐसे में इससे ट्रेनिंग लेना मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है।
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