ग्रामीणों का चौकी पर पथराव, पुलिस पर हत्या का आरोप, एसपी जेल बोले- फांसी लगाई थी
छांयसा पुलिस पर हमले के आरोप में नीमका जेल में बंद शाहजहांपुर निवासी सोनू (23) नामक युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद इलाके में माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है। मौत से नाराज परिजनों और ग्रामीणों ने चांदपुर चौकी पहुंचकर जमकर पत्थर बरसाए। इसमें करीब दर्जनभर पुलिसकर्मियों के घायल होने की खबर है।
गुस्साए ग्रामीणों ने पुलिस पर सोनू की हत्या कर घटना को आत्महत्या बताने का आरोप लगाते हुए केजीपी, छज्जू नगर मुजेडी और नीमका जेल के सामने प्रदर्शन किया। हंगामे की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे आसपास के थानों की पुलिस और उच्चाधिकारियों ने ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया। लेकिन वे पुलिस कमिश्नर को मौके पर बुलाने को लेकर अड़े रहे।
समाचार लिखे जाने तक गांव में तनाव बना बना हुआ था। शाम चार बजे तक मृतक का शव मोर्चरी तक नहीं पहुंच पाया था। जानकारी के मुताबिक पुलिस ने मृतक का कोविड 19 चेकअप भी कराया जिसकी रिपोर्ट गुरुवार को पॉजिटिव बताई गई। परिजनों का आरोप है पुलिस की साजिश है।
खुद को बचाने के लिए पुलिस उसे कोरोना पॉजिटिव बता रही है ताकि न उसका पोस्टमार्टम हो सके और न शव परिजनों को दिया जा सके। जबकि परिजनों का कहना है कि उनके घर पर कोविड-19 की लिस्ट 17 जून की डेट की मरने के बाद गुरुवार को लगाई गई। उधर एसीपी जयवीर राठी का कहना है कि घटना की मजिस्ट्रियल जांच कराई जा रही है।
यह है घटना की पूरी कहानी
शाहजहांपुर छांयसा रोड पर 10 जून को 1600 मीटर की रेस को लेकर दो गांव चांदपुर और शाहजहांपुर के युवकों में विवाद हो गया था। सूचना मिलने पर बीच बचाव करने पहुंची छांयसा पुलिस पर हमला कर दिया था। इसमें तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए। हमलावरों ने पुलिस की जिप्सी पर भी हमला कर उसे क्षतिग्रस्त कर दिया।
पुलिस पर हमले की सूचना मिलने पर थाना प्रभारी समेत अन्य पुलिस के अधिकारी भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे थे। घायल एएसआई केशराम की शिकायत पर पुलिस ने नौ नामजद शाहजहांपुर निवासी कन्हैया, डा. पाला, बबलू, मोहित, दिनेश, राहुल, महिपाल का छोटा बेटा मोहित नितेश, छब्बू का भाई मोटा समेत 30-40 अज्ञात के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा डालने और जान से मारने के प्रयास समेत विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया था। 15 जून को पुलिस ने शाहजहांपुर निवासी सोनू को गिरफ्तार कर 16 को कोर्ट में पेश कर नीमका जेल भेज दिया था।
बुधवार रात सोनू की जेल में हो गई मौत
बुधवार रात सोनू की नीमका जेल में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। वह पुलिस को बैरक के जंगले से लटका मिला था। एसपी जेल संजीव कुमार के अनुसार गुरुवार सुबह उन्हें सोनू के आत्महत्या करने की सूचना मिली। इसकी सूचना तत्काल उच्चाधिकारियों को दी गई। परिजनों को भी घटना की जानकारी दी गई। संजीव कुमार के अनुसार सोनू ने लोअर के नाड़े को जंगले में बांधकर आत्महत्या की है।
गुस्साए परिजन व ग्रामीणों का चौकी पर पथराव
सोनू के मौत की सूचना मिलने पर गुरुवार सुबह करीब 11 बजे सैकड़ों की संख्या में महिला और पुरुष एकजुट होकर चांदपुर पुलिस चौकी पर धावा बोल दिया और जमकर पथराव किया। पुलिसकर्मियों ने कमरे बंद कर अपनी जान बचाई। वहीं नीमका जेल और छज्जूपुर रोड पर जाम लगा दिया। सूचना मिलने पर बल्लभ गढ़ के एसडीएम त्रिलोकचंद, एसीपी क्राइम अनिल कुमार, एसीपी भगत राम, एसीपी जयवीर सिंह राठी, नायब तहसीलदार दिनेश कुमार मौके पर पहुंचे और बड़ी मुश्किल से ग्रामीणों को समझा बुझाकर उन्हें शांत किया।
हत्या कर फांसी पर लटकाने का आरोप
शाहजहांपुर गांव के सरपंच नाहर सिंह समेत परिजनों और ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने सोनू को रिमांड के दौरान इतना टार्चर किया कि उसकी मौत हो गई। खुद को फंसता देख साजिश के तहत उसे नीमका जेल की बैरक में फांसी पर लटका दिया। परिजनों ने आरोप लगाया है कि सोनू फौज की तैयारी कर रहा था। उसे जान बूझकर केस में फंसाया गया।
गांव की लड़कियों को चौकी में ले जाने का आरोप
गांव के सरपंच और पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया कि पुलिस गुंडागर्दी पर उतारू है। बदले की भावना से गांव की अविवाहित लड़कियों को जबरन उठाकर चौकी ले जा रही है। यदि कोई विरोध करता है तो उसे भी केस में फंसाने की धमकी देते हैं।
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