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फर्जी फर्म बनाकर टैक्स चोरी करने वाली 14 कंपनियों पर केस दर्ज, करोड़ों रुपए की जीएसटी चोरी की आशंका

फरीदाबाद में जीएसटी चोरी के बड़े मामले का भंडाफोड़ हुआ है। राज्य एक्साइज एंड टैक्सेशन विभाग ने फर्जी फर्म बनाकर इनपुट टैक्स चोरी करने वाली 14 कंपनियों की पहचान कर सेंट्रल थाने में केस दर्ज कराया है। विभागीय सूत्रों की मानें ते इन कंपनियों पर 2 से 3 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी का अनुमान है। पुलिस के अनुसार जांच के बाद ही यह बात सामने आ पाएगी कि उक्त फर्जी कंपनियों ने इनपुट टैक्स के नाम पर कितने रुपए के टैक्स चोरी की है।

फरीदाबाद से पहले प्रदेश के कई अन्य जिलों में जीएसटी चोरी के 70 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। मुख्यमंत्री के आदेश पर टैक्स चोरी करने वालों के खिलाफ केस दर्ज कराया जा चुका है। अधिकारियों की मानें तो रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, फतेहाबाद, पानीपत, हिसार, जींद व कैथल जिलों में केस दर्ज कराए गए हैं। विभाग के अधिकारियों ने यहां से ऐसी फर्जी कंपनियों की पहचान कर राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट भेज दी थी। सरकार के आदेश पर पुलिस ने अब केस दर्ज किया है।

मार्च 2020 में दिल्ली में जीएसटी चोरी के एक बड़े मामले का भंडाफोड़ करते हुए केंद्रीय जीएसटी अधिकारियों ने 7896 करोड़ रुपए की फर्जी बिलिंग का केस पकड़ा था। टैक्स चोरों ने करीब दो दर्जन फर्जी कंपनियां बनाकर बिना वास्तविक व्यापार के ही फर्जी बिलों के सहारे करीब 1709 करोड़ रुपए का इनपुट टैक्स क्रेडिट लेने की कोशिश की थी।

इस खुलासे के बाद हरियाणा सरकार ने भी इसकी जांच करानी शुरू की तो यहां भी टैक्स चोरी के केस सामने आने लगे। यहां रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, फतेहाबाद, पानीपत, हिसार, जींद व कैथल जिलों में 70 से अधिक ऐसे केस दर्ज कराए जा चुके हैं।

इस तरह करते हैं जीएसटी की चोरी

विभागीय अधिकारियों की मानें तो अब तक जीएसटी चोरी के पकड़े गए ज्यादातर मामलों में बोगस बिलिंग के सहारे क्रेडिट लेने की कोशिश की गई है। यानी फर्जी फर्म बनाकर उसका लाखों-करोड़ों का टर्नओवर दिखाया। कोई सामान खरीदा ही नहीं बल्कि फर्जी बिलिंग कर दूसरे को सामान बेचना दिखा देते हैं और उसी आधार पर सरकार से इनपुट टैक्स का क्लेम कर देते हैं। विभाग के एक अधिकारी ने बताया जब कोई फर्म सामान खरीदती है तो उसे अपनी देनदारी यानी आउटपुट टैक्स सरकार को देनी होती है।

लेकिन बोगस कंपनियां सामान खरीदती ही नहीं बल्कि फर्जी बिलिंग के जरिए सिर्फ इनपुट टैक्स क्लेम करती हैं। उन्होंने बताया जीएसटी फाइलिंग सिस्टम में शुरुआती ढील और लगातार मिलती आ रहीं रियायतों का लोगों ने बेजा फायदा उठाया है। अब चूंकि केंद्र सरकार ने पिछले दिनों जीएसटी का पहला सालाना रिटर्न भरने की व्यवस्था लागू कर दी है। फाइलिंग की डेट खत्म होने के साथ ही केंद्र और राज्य दोनों स्तर पर फर्मों की ऑडिटिंग शुरू कराई है तो ऐसे में टैक्स चोरी के मामले सामने आने लगे हैं।

इन कंपनियों पर दर्ज कराई गई एफआईआर: सेंट्रल थाना पुलिस ने जिन 14 फर्मों के खिलाफ केस दर्ज किया है उनमें अजय ट्रेडिंग कंपनी नवीन कांप्लेक्स सेक्टर 29, मैसर्स सुख स्टील फरीदाबाद तिगांव, मैसर्स वीएस इंटरनेशनल होल्डिंग, सेकेंड फ्लोर ग्रीन फील्ड कॉलोनी, मैसर्स फरीदाबाद इंटरप्राइजेज एनआईटी दो नियर लक्ष्मी धर्मशाला, मैसर्स वीएस यूनिक इंटरप्राइजेज ग्रीन फील्ड कॉलोनी, मैसर्स श्री बालाजी इंटरप्राइजेज सोहना रोड, मैसर्स सिमरन इंटरप्राइजेज एनआईटी, मैसर्स एक्सेनलोथ मेटल अलायज शेरशाह सूरी मार्ग, मैसर्स एएस इंटरप्राइजेज सेक्टर 81, मैसर्स भारत इंटरप्राइजेज सेक्टर 7 हुडा मार्केट, मैसर्स एसएस इंडस्ट्रीज नंगला रोड, मैसर्स सैनी इंटरप्राइजेज डीएलएफ सेक्टर, मैसर्स शक्ति इंटरप्राइजेज सेक्टर-9 और शाहजी ट्रेडर्स मस्जिद वाली गली शाहदरा शामिल हैं।

प्रारंभिक जांच के आधार पर टैक्सेशन विभाग के अधिकारियों ने फर्जी फर्मों के खिलाफ केस दर्ज कराया है। उक्त फर्मों ने कितने की टैक्स चोरी की है अभी यह काउंट नहीं किया गया है। जांच के बाद ही सामने आ पाएगा कि फर्मों ने कितने की चोरी की है।
-महेंद्र सिंह, थाना प्रभारी सेंट्रल फरीदाबाद



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फाइल फोटो


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