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गहलोत के समर्थन में 70 विधायकों का इस्तीफा, पायलट के खुले विरोध में आए

जयपुर : राजस्थान की राजनीति को एक बार फिर अशोक गहलोत ने अपने इशारे पर नचा दिया। रविवार शाम को कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी। इसमें सचिन पायलट के सिर पर ताज सजना तय माना जा रहा था। हालांकि, राजनीति के जादूगर कहे जाने वाले गहलोत ने ऐसा दाव खेला कि कांग्रेस आलाकमान और पायलट चारों खाने चित्त हो गए। बैठक से पहले गहलोत के विश्वस्त मंत्री शांति धारीवाल के घर पर एक और मीटिंग आयोजित की गई, जिसमें मुख्यमंत्री के समर्थक विधायक पहुंचे। वहां से निकलकर गहलोत गुट के करीब 70 विधायकों ने के घर पहुंचकर इस्तीफा दे दिया। ने दावा किया कि हमारे पास 92 विधायक हैं। गहलोत क्लास के मॉनिटर नहीं है, जिन्हें यूं ही बदलकर किसी को सीएम बना दें। बीजेपी ने अगर तोड़फोड़ कर दी तो क्या होगा? सरकार बचाने में जिन 102 विधायकों ने मदद की थी, उनमें से ही सीएम बने। आलाकमान जिस नाम को तय करेगा, वह हमें मंजूर होगा। कांग्रेस नेतृत्व के सामने खड़ा हुआ नया संकट ऐसा माना जा रहा था कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर अशोक गहलोत चुने जाएंगे और राजस्थान की कमान के चहेते सचिन पायलट के हाथ में आसानी से आ जाएगी। मगर, विधायकों के इस्तीफे ने आसान सा दिख रहा यह खेल शतरंज की बाजी में बदल दिया। फिलहाल विधायक दल की बैठक रद्द हो गई है। मुख्यमंत्री आवास पर बैठक चल रही है, जिसमें अजय माकन, मल्लिकार्जुन खड़गे, गहलोत, पायलट, रघु शर्मा और कुछ वरिष्ठ मंत्री मौजूद हैं। गहलोत खेमे के विधायकों को मनाने और उनकी राय जानने की कोशिश की जा रही है। दिल्ली से पहुंचे कांग्रेस नेताओं का प्रयास के इस संकट का समाधान रविवार रात को ही हो जाए। आलाकमान ने अशोक गहलोत और सचिन पायलट को दिल्ली बुलाया सूत्रों के मुताबिक, आलाकमान ने अशोक गहलोत और सचिन पायलट को दिल्ली बुलाया है। वहां दोनों को समझाने की कोशिश होगी। केसी वेणुगोपाल ने दोनों को कॉल कर सोनिया और राहुल का यह मैसेज दिया है। उधर, मंत्री शांति धारीवाल, प्रताप सिंह खाचरियावास, महेश जोशी और निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा रविवार रात साढ़े 10 बजे सीएम निवास पहुंचे। सचिन पायलट, उनके समर्थक विधायक और कुछ अन्य MLA भी सीएम हाउस पहुंच गए। यहां हर विधायक से बातचीत की जाएगी। माना जा रहा है कि एक बार फिर राजस्थान में विधायकों की बाड़ाबंदी हो सकती है। कई विधायकों के नहीं आने से रद हुई थी बैठक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रदेश प्रभारी अजय माकन और ऑब्जर्वर मल्लिकार्जुन खड़गे से मिलने होटल पहुंचे। वहां से तीनों मुख्यमंत्री आवास पहुंचे। मगर, कई विधायकों के नहीं पहुंचने से बैठक रद्द हो गई। मंत्री शांति धारीवाल के घर चल रही बैठक में गहलोत गुट के विधायकों ने स्पीकर सीपी जोशी से मिलकर इस्तीफे सौंपने की रणनीति बनाई। गहलोत गुट के कई विधायकों ने बैठक का बहिष्कार करने की सलाह दी थी। विधायक दल की बैठक से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि ऐसी बैठकों में एक लाइन का रिजोल्यूशन पास करते हैं कि जो हाईकमान तय करेगा, वही हमें मंजूर होगा। मैंने तो 9 अगस्त को ही हाईकमान से कह दिया था कि जो सरकार रिपीट करवा सके, उसे ही सीएम बनाना चाहिए। अगला मुख्यमंत्री जो बनेगा उसे कहूंगा कि वो युवाओं पर ध्यान दे। मेरी कलम गरीब के लिए चली। अब मैं चाहता हूं कि नौजवानों के बीच जाऊं। 6 निर्दलीय विधायकों का गुट भी टूटा मंत्री राजेंद्र गुढ़ा धारीवाल के बंगले के गेट से वापस लौट गए थे। उन्होंने कहा कि बहुमत के लिए 101 विधायक चाहिए, इसके बिना सरकार अल्पमत में होती है। इसलिए मैं नहीं गया। विधायक संदीप यादव, वाजिब अली और लाखन मीना धारीवाल के निवास पहुंच गए थे। इन्हें राजेन्द्र गुढ़ा अपने कैम्प में बता रहे थे। अब ग्रुप 6 भी टूट गया है। खिलाड़ी लाल बैरवा और गिर्राज सिंह मलिंगा गुढ़ा के साथ हैं और वो भी बैठक में नहीं गए।


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