फूड प्रोसेसिंग के जरिए नारी शक्ति बुंदेलखंड को बनाएगी आत्मनिर्भर, होम साइंस ग्रेजुएट्स की होगी बल्ले-बल्ले
बांदाः आत्मनिर्भर भारत अभियान की तर्ज पर आत्मनिर्भर बुन्देलखण्ड अभियान चलाया जा रहा है। इसकी कमान नारी शक्ति के हाथ होगी। वीरांगना रानी लक्ष्मी बाई के बुन्देलखण्ड में क्षेत्र की महिलाएं आत्मनिर्भर बुन्देलखण्ड अभियान’ चलाने में अग्रणी रहेंगी। बुन्देलखण्ड के चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, झांसी और ललितपुर जिलों में यह योजना चलेगी। बुन्देलखण्ड की 70 होम साईंस ग्रेजुएट्स को सीधा रोजगार मिल सकेगा। ट्रेनर गांव-गांव मे प्रशिक्षण देंगे बुन्देलखण्ड के सातों जिलों की तहसील और ब्लॉक लेवल ट्रेनर गांव-गांव जाकर प्रशिक्षण देने का काम करेंगे। पूरे बुन्देलखंड में लगभग 70 ट्रेनर आगामी 2025 तक काम करेंगे। कोई भी होम साइंस ग्रेजुएट ट्रेनर बन सकता है। बशर्ते उसे खाद्य परिरक्षण प्रशिक्षण देने का अनुभव प्राप्त हो। होटल मैनेजमेंट ऐंड केटरिंग से एमबीए अथवा बी.टेक इन फूड टेक्नोलोजी, होर्टीकल्चर से पोस्ट ग्रेजुएट और फूड प्रोसेसिंग के डिप्लोमा होल्ड़र भी ट्रेनर बन सकते हैं। इंटरव्यू के आधार पर उनका चयन होगा। चयनित ट्रेनर को टीओटी सर्टिफाईड़ कराया जाएगा। केवल सर्टिफाईड़ ट्रेनर ही ब्लाक,पंचायत,स्वयं सहायता समूह , स्थानीय स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से ब्लाक के लगभग सभी गाँव,कस्बों में बारी-बारी से चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कराएंगे। 10 से 20 हजार रुपये तक मासिक कमाएंगे इस प्रकार प्रत्येक ट्रेनर औसतन 7 ट्रेनिंग पूरी करा सकेंगे। योग्यता और अनुभव के आधार पर ट्रेनर 10 हजार से 20 हजार रू.तक मासिक वेतन पा सकेगा। चार दिवसीय कार्यक्रम में 2 दिनों तक अचार, मुरब्बा, जैम-जैली, पापड़ -बडियां आदि बनाना सिखाया जाता है। तीसरे दिन उद्यमिता विकास के बारे में चर्चा होती है जबकि चौथे दिन नजदीकी फूड प्रोसेसिंग यूनिट में प्रशिक्षणार्थियों को एक्सपोजर विजिट पर ले जाया जाता है। उपरोक्त कार्यक्रम जिला खाद्य प्रसंस्करण और नागरिक आपूर्ति अधिकारी की देख रेख में होता है। पहली बार होम साइंस ग्रेजुएट्स की मांग बताते चलें कि बांदा कनवारा रोड निवासी नसीर अहमद सिद्दीकी देश की राजधानी नई दिल्ली के सरकारी विद्यालय में प्रधानाचार्य के पद पर कार्यरत हैँ। उन्हें 2019 में दिल्ली राज्य सरकार की ओर से सर्वोत्तम अध्यापक का सम्मान मिला। बहमुखी प्रतिभा के धनी नसीर को गत वर्ष आरजू वर्ड एफेय़र्स अमेरिका ने पत्रकारिता क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय सम्मान हासिल हो चुका है। कृषि विज्ञान से परास्नातक नसीर सिद्दीकी बुन्देलखण्ड के अलावा उत्तर प्रदेश के 40 ज़िले- उत्तराखण्ड, असम,केरल,बिहार,महाराष्ट्र,राजस्थान,जम्मू-कश्मीर,पंजाब, झारखण्ड, उडीसा आदि के 300 ज़िलों में इस कार्यक्रम को चलाने की स्वयं सेवी रुप से पहल कर चुके हैं। सिद्दीकी के अनुसार आजादी के 75 सालों बाद पहली बार इतनी बडी तादाद में होम साईंस ग्रेजुएट्स की मांग आयी है। देश में 7000 से अधिक जबकि बुन्देलखण्ड की 70 होम साईंस ग्रेजुएट्स को सीधा रोजगार मिल सकेगा।इस योजना के तहत कुल 35000 करोड़ रूपए का निवेश किया जाएगा। योजना के अंर्तगत लगभग 9 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। उन्होने बताया कि इस योजना की शुरुआत ‘खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय’ के द्वारा की गयी है। ये स्कीम ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ के एक भाग के तौर पर की गई है। रिपोर्टः अनिल सिंह
from https://navbharattimes.indiatimes.com/state/uttar-pradesh/banda/women-power-will-make-bundelkhand-selfreliant-through-food-processing/articleshow/94440281.cms