केशव मौर्य को बिहार का उदाहरण दिया, लेकिन नीतीश पर खुलकर नहीं बोल पाए अखिलेश
लखनऊ: समाजवादी पार्टी के मुखिया और यूपी के पूर्व सीएम ने यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को हिम्मत जुटाने और बिहार के उदाहरण से सीख लेने की नसीहत दी। लेकिन खुद जब उनसे पूछा गया कि बिहार के सीएम को कैसे आंकते हैं, तो वह इस पर खुलकर बोलने से बचते नजर आए। न्यूज चैनल एबीपी पर हुए एक इंटरव्यू में उन्होंने नीतीश की तारीफ तो की लेकिन विपक्ष का पीएम पद का साझा उम्मीदवार कौन होगा इस पर नीतीश का नाम नहीं ले सके। इससे पहले मंगलवार को नीतीश कुमार गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में मुलायम सिंह यादव से मिलने पहुंचे थे। मुलाकात के बाद जब बाहर निकले तो उनके साथ अखिलेश भी थे। जब मीडिया ने अखिलेश की भूमिका पर सवाल किया तो उन्होंने भी कमोबेश वही कहा जो अखिलेश यादव ने इस इंटरव्यू में कहा। नीतीश बोले थे, 'यही सब यूपी का आगे और नेतृत्व करेंगे।' मतलब नीतीश भी अखिलेश यादव में विपक्ष का संभावित पीएम पद का उम्मीदवार नहीं देखते, या कम से कम अभी खुले तौर पर मान नहीं पाए। नीतीश की तारीफ तो की लेकिन... ठीक इसी तरह बुधवार को इंटरव्यू में अखिलेश यादव भी महज इतना ही कहकर रह गए कि नीतीश जी ने बिहार में लंबे समय से काम किया है। समूह का काम किया है, साइकिलें बांटीं हैं, अपने संसाधन के दम पर बिहार को आगे ले जाने का काम किया है। लगे हाथ अखिलेश ने पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव की भी तारीफ कर दी। 'हमारे पास चेहरों की कमी नहीं' विपक्ष का मुखिया कौन होगा इस पर भी अखिलेश ने कोई एक नाम नहीं लिया, बल्कि यही कहा हमारे पास चेहरों की कमी नहीं है जबकि बीजेपी के पास ले देकर एक ही चेहरा है। विपक्ष का उम्मीदवार कौन होगा इस पर अखिलेश ने किसी एक चेहरे का नाम न लेकर कहा, हमारेा पास कई मोती हैं उनको एक साथ पिरोने वाला धागा चाहिए। विपक्षी एकता या खुद को लीडर साबित करने की कोशिश!जिस तरह से नीतीश ने बिहार में एनडीए से गठबंधन तोड़कर आरजेडी के साथ सरकार बनाई उससे उनकी छवि ऐसे नेता की बन गई है जो बीजेपी को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखा सकता है। इसी से उत्साहित होकर वह विपक्ष को एकजुट करने के लिए दिल्ली आए और आम आदमी पार्टी के सीएम अरविंद केजरीवाल, हरियाणा में इनेलो नेता ओमप्रकाश चौटाला, मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव, कर्नाटक के पूर्व सीएम एच डी कुमारस्वामी, सीपीएम नेता सीताराम येचुरी, सीपीआई नेता डी राजा से मुलाकात की। अखिलेश भी अनमने, नीतीश भी चुप दूसरी तरफ संसद में सबसे ज्यादा सांसद भेजने वाले यूपी की प्रमुख विपक्षी पार्टी का मुखिया होने के नाते विपक्ष के पीएम उम्मीदवार के तौर पर अखिलेश का नाम भी चर्चा में आता रहा है। लेकिन मौजूदा समीकरण देखकर अभी तो ऐसा ही लग रहा है कि विपक्षी एकता के ये दो प्रमुख घटक शायद पीएम पद के लिए एक-दूसरे को मंजूर नहीं कर पा रहे हैं। वैसे दिलचस्प यह भी है कि अखिलेश ऊपरी मन से ही सही लेकिन खुद को भी पीएम पद की रेस से बाहर होने की बात कह रहे हैं पर किसी दूसरे उम्मीदवार को भी स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं।
from https://navbharattimes.indiatimes.com/metro/lucknow/politics/akhilesh-yadav-avoids-question-on-nitish-kumar-as-pm-candidate-latets-news/articleshow/94059665.cms