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चील जमीन पर सांप से क्यों नहीं जीत सकती, वजह जानकर हैरान रह जाएंगे

नई दिल्ली: इलाका कुत्तों का होता है, शेर का तो पूरा साम्राज्य होता है... यह डायलॉग आपने कहीं जरूर सुना होगा। आज हम आपको चील और सांप के इलाके के बारे में एक रोचक बात बताएंगे। इस बीच, एक और कहावत याद कर लीजिए- अपने घर में तो कुत्ता भी शेर होता है। अब बात चील की करते हैं। करीब दो फुट लंबी चील काले-भूरे रंग की दिखती है। यह एक शिकारी पक्षी होती है और आसमान में उड़ते समय ये हर समय अपने शिकार की खोज में रहती है। ये कब करीब आकर झपट्टा मार ले, कहा नहीं जा सकता। यह छोटे जीव-जंतुओं का शिकार करती है। यह कुछ भी खा सकती है, यहां तक शव के अवशेष भी। चील एक ऐसी पक्षी है जो अपने शिकार को काफी ऊंचाई से देख लेती है और तेज रफ्तार से आकर उसे उड़ा ले जाती है। चील चूहे, कीड़े, मछलियां, गिरगिट, छोटे पक्षी कुछ भी खा सकती है। कभी-कभी जमीन पर सांप दिखे तो वह उसे भी अपना शिकार बनाने के लिए झपटती है। लेकिन कभी-कभी मुकाबला टक्कर का हो जाता है। जी हां, चील ये जानती है कि सांप को कमजोर करने के लिए उसे आसमान में लेकर उड़ना जरूरी है इसलिए वह अपने पंजे में सांप को दबोचकर ऊपर ले उड़ती है। इसके बाद वह आसमान से सांप को जमीन पर पटक देती है। सांप दम तोड़ देता है और चील सांप को खा जाती है। लेकिन चील जमीन पर रहते हुए सांप से भिड़ने की गलती नहीं करती। दरअसल, जहरीला सांप उसके लिए खतरा बन सकता है। इसके अलावा उसके शरीर को लपेट कर कोबरा जैसे सांप चील जैसे शिकारी पक्षियों की हालत खराब कर सकते हैं। अगर कुछ देर चील ने पंख न फड़फड़ाए और आसमान की तरफ न उड़ा तो उसका बचना मुश्किल हो जाएगा। हालांकि चील अपने हिसाब से छोटे सांप पर ही झपट्टा मारता है। कुछ-कुछ यही आदत सभी शिकारी पक्षियों की होती है। दरअसल, चील जमीन पर सांप से हार सकती है लेकिन आकाश में सांप खुद को कमजोर पाता है। जैसे ही चील सांप को लेकर आकाश में उड़ता है, युद्ध का इलाका बदल जाता है। सांप की हर रणनीति फेल हो जाती है। कभी-कभी युद्ध के लिए भी ऐसी बातें की जाती हैं कि जंग का मैदान अपने हिसाब से हो तो जीत की संभावना बढ़ जाती है। इसे क्रिकेट का मैदान ही समझ लीजिए। हवा में सांप कमजोर और असुरक्षित हो जाता है।


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