हिमाचल CM बनने की घोषणा सुन मेरी आंखों में थे आंसू... सुखविंदर सिंह सुक्खू की वो बातें जिनसे आप होंगे 'अंजान'
शिमला: जब हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में मेरे नाम की घोषणा हुई तो मैं भावुक हो गया। राजीव शुक्ला, भूपेंद्र सिंह हुड्डा और भूपेश बघेल जी ने मुझसे कहा कि आप भी दो शब्द बोलिए। इस पर मैं सबके बीच खड़ा हुआ तो मेरी आंखों में आंसू थे। उस पल को मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता... यह बातें हिमाचल प्रदेश के नवनियुक्त मुख्यमंत्री ने अपने नाम के ऐलान के वाकये को याद करके कही। हिमाचल के सीएम रविवार को एक न्यूज चैनल से बातचीत कर रहे थे। हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले के रहने वाले सुखविंदर सिंह सुक्खू बेहद साधारत परिवार से आते हैं। इनके पिता रसील सिंह शिमला में हिमाचल रोडवेज ट्रांसपोर्ट में ड्राइवर थे। वहीं सीएम सुक्खू खुद कभी अखबार से लेकर दूध बेचने तक का काम करते थे। यहां तक कि उन्होंने वॉचमैन तक की नौकरी भी की है। लगातार चार बार विधायक रहने के बावजूद सुखविंदर सिंह सुक्खू आज भी अपनी अल्टो चलाते हैं। सुखविंदर सिंह सुक्खू का कहना है कि वो उन्हें अपने दिनों की याद दिलाती है। मुख्यमंत्री बनने के ऐलान वाले दिन एक वाकये का जिक्र करते हुए सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि शपथ लेने के एक दिन पहले ही मुझे जेड प्लस सिक्योरिटी मिल गई थी। चूंकि शपथ अगले दिन होना था तो मैंने सोचा कि अपनी अल्टो लेकर घर चला जाउंगा और सुबह आराम से कपड़े आदि लेकर आ जाएंगे। रात साढ़े ग्यारह बजे उनकी सुरक्षा में तैनात पुलिस वालों ने कहा कि आप अकेले नहीं जा सकते। इस पर मैंने अपनी अल्टो की सवारी का इरादा छोड़ दिया। सुक्खू ने सिक्योरिटी दिए जाने को लेकर कहा कि मैं लगातार तीसरी बार विधायक हूं लेकिन मैंने कभी पीएसओ नहीं रखा। सीएम को पसंद नहीं आया 'टूहूटू' हिमाचल सीएम ने मजाक के लहजे में कहा कि हम हमेशा कहते रहे कि हमें सत्ता, सत्ता के लिए नहीं बल्कि व्यवस्था के लिए चाहिए लेकिन शपथ लेते-लेते यहां अपनी ही व्यवस्था बदल गई। दरअसल उनका आशय मुख्यमंत्री पद के चलते मिली सुरक्षा व्यवस्था को लेकर था। उन्होंने कहा कि दिल्ली जाने पर वहां अक्सर हम ऑटो से ही जाते थे। इस बार जब हम दिल्ली के सफदरजंग एयरपोर्ट पर गए तो वहां टूहूटू (जेड प्लस सिक्योरिटी)। इस पर मेरे साथ पंडित जी थे तो मैंने इनसे कहा कि पंडित जी ये क्या हो गया? हम अपनी व्यवस्था बदलवाने आए हैं या जनता की। हिमाचल सीएम ने कहा कि मुख्यमंत्री बनने के बाद बदलाव आए हैं लेकिन हमें इस बदलाव में बहना नहीं है। हिमाचल कांग्रेस में नाराजगी पर क्या बोले सीएम सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल कांग्रेस में विरोध और नाराजगी के सवाल पर कहा कि कांग्रेस की हिमाचल प्रदेश इकाई के भीतर कोई अंतर्कलह नहीं है। मुख्यमंत्री पद के लिए होड़ थी, क्योंकि इसके लिए तीन-चार दावेदार थे। लेकिन अब सक कुछ साफ हो गया है। प्रतिभा सिंह की नाराजगी के सवाल पर हिमाचल सीएम ने कहा कि वह नाराज नहीं हैं। पार्टी में एक किसी तरह की गुटबाजी को जगह नहीं है। बीजेपी को सुक्खू ने किया चैलेंज हिमाचल सीएम सुक्खू ने बीजेपी की ओर से कांग्रेस में तोड़फोड़ करने की उम्मीदों के सवाल पर कहा कि अब टूटने की बारी बीजेपी की है। बीजेपी में कई लोगों को घुटन हो रही है। उन्हें आने वाले समय में कांग्रेस की ओर से ही 'ऑक्सीजन' मिलेगी। हिमाचल सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बीजेपी को ऑपरेशन लोटस के लिए चैलेंज किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में लोग भावनात्मक रूप से जुड़े हुए हैं। यहां कोई भी बिक नहीं सकता और न तो बीजेपी उन्हें तोड़ सकती है। हिमाचल सीएम बनने से पहले का सफरनामा हमीरपुर जिले के नदौन से चार बार के विधायक सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 11 दिसंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। सुक्खू के पिता रसील सिंह शिमला में हिमाचल रोडवेज ट्रांसपोर्ट में ड्राइवर थे। सुक्खू को खुद अखबार बेचने से लेकर दूध बेचने तक का काम करना पड़ा। यहां तक कि उन्हें वॉचमैन की नौकरी तक करनी पड़ी। सुक्खू के पिता की मामूली ड्राइवर की नौकरी से परिवार के खर्च पूरे नहीं हो पाते थे। सैलरी कम थी, सुक्खू कॉलेज में पढ़ाई कर रहे थे। पिता के पास फीस देने को रुपये नहीं थे तो सुक्खू ने अपना खर्च निकालने के लिए छोटा शिमला में अखबार बेचना शुरू किया। सुबह बेचते थे अखबार सुक्खू सुबह जल्दी उठकर अखबार डालने लगे। उसके बाद सुबह का बाकी समय दूध बेचने में लगाने लगे। दिन में कॉलेज की पढ़ाई करते। इसी तरह सुक्खू ने अपना ग्रैजुएशन पूरा किया। वह अपनी पढ़ाई का खर्च उठाने और परिवार का हाथ बंटाने के लिए तड़के उठते थे और देर रात तक काम करते थे। ग्रैजुएशन के बाद सुक्खू की बिजली विभाग में वॉचमैन की नौकरी लग गई। वह वॉचमैन की नौकरी करने लगे। यहां नौकरी के बाद उनके काम को देखते हुए इसी विभाग में उन्हें हेल्पर की पोस्ट पर प्रमोट कर दिया गया। सुक्खू आगे बढ़ना चाहते थे इसलिए कड़ी मेहनत करते रहे। कैसे राजनीत में आए सुक्खू सुक्खू कांग्रेस से संबद्ध नेशनल स्टूडेन्ट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) की राज्य इकाई के महासचिव थे। उन्होंने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से एमए और एलएलबी की थी। जमीनी स्तर पर काम करते हुए वह दो बार शिमला नगर निगम के पार्षद चुने गए थे। उन्होंने 2003 में नादौन से पहली बार विधानसभा चुनाव जीता और 2007 में सीट बरकरार रखी लेकिन 2012 में वह चुनाव हार गए थे। इसके बाद 2017 और 2022 में उन्होंने फिर से जीत दर्ज की।
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