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यूपी के एक किसान की बेटी को अमेरिकी यूनिवर्सिटी से आया बुलावा, अनूठे अव‍िष्‍कार ने दिलाई 100% स्‍कॉलरशिप

लखनऊ: यूपी के मऊ जिले के दोहरीघाट के सीमांत किसान की छोटी सी बेटी ने बचपन से बडे़-बडे़ सपने देखे थे। कक्षा पांच तक वह दोहरीघाट के प्राइमरी स्‍कूल में ही पढ़ी। लेकिन उसके सपनों और कुछ कर गुजरने की इच्‍छा ने ऐसी बाजी पलटी कि वह अगले साल सितंबर में अमेरिका की मशहूर स्‍टैनफर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ने जा रही है। (17) () को यह यूनिवर्सिटी अपने खर्चे पर बुला रही है। बेटी की सफलता से उसका परिवार तो खुश है ही उसके टीचरों का सीना भी गर्व से फूला हुआ है। असल में दक्षायनी ने इंडिया@75 नेशनल यूथ आइडियाथॉन-2021 में हिस्‍सा लिया और विजेता बनीं। उन्‍होंने एक ऐसा सिस्‍टम बनाया था जिसे कार में फिट कर देने पर उसके अंदर दमघोंटू कार्बन डाइ ऑक्‍साइड से होने वाली मौतों को रोका जा सकेगा। इसे नाम दिया गया 'मिशन प्रोटेक्‍टर'। असल में कार अगर चल रही हो और उसके शीशे बंद हों तो उसके अंदर कार्बन डाइ ऑक्‍साइड गैस जमा हो जाती है। इसकी वजह से कार में बैठे लोगों की जान खतरे में पड़ जाती है। लेकिन मिशन प्रोटेक्‍टर की खूबी यह है कि जैसे ही कार में कार्बन डाइ ऑक्‍साइड की मात्रा बढ़ेगी यह तुरंत अलर्ट कर देगा और अपने आप कार के शीशे नीचे हो जाएंगे। दक्षायनी को यह बनाने का ख्‍याल तब आया जब खबरों में पढ़ा कि कहीं कुछ मासूम बच्‍चे इसी तरह कार में बंद होकर अपनी जान गंवा बैठे। दक्षायनी के पिता दिग्‍व‍िजय नाथ पांडेय एक किसान हैं और मां रीमा पांडेय साधारण गृहणी। दोनों ही दक्षायनी की कामयाबी से बहुत खुश हैं। दक्षायनी इस समय एक और प्रोजेक्‍ट पर काम कर रही हैं जिसका नाम है Geniscience। यह भी ग्रामीण बच्‍चों को ध्‍यान में रखकर डेवलप किया जा रहा है। यह एक किस्‍म की पोर्टेबल साइंस लैब है जिसकी मदद से बच्‍चे बिना कक्षाओं में बनी प्रयोगशालाओं में आए विज्ञान के नियमों से परिचित हो सकेंगे। Geniscience के पीछे उनकी क्‍या सोच है इस पर दक्षायनी कहती हैं, देश में ऐसे असंख्‍य सरकारी और प्राइवेट स्‍कूल हैं जिनमें साइंस लैब नहीं है। ऐसे में यहां पढ़ने वाले बच्‍चों की साइंस की बेसिक जानकारी कमजोर रह जाती है। लेकिन Geniscience की मदद से बच्‍चे विज्ञान के नियमों और थ्‍योरी को सीधे जान और परख सकेंगे। दक्षायनी की साइंस के बारे में यह समझ उनके विद्याज्ञान स्‍कूल से विकसित हुई। यह स्‍कूल ग्रामीण बच्‍चों के सर्वांगीण विकास को अपना लक्ष्‍य बनाकर काम कर रहा है। दक्षायनी के बारे में उनके टीचर प्रमोद रेड्डी कहते हैं, उसकी सबसे बड़ी खास‍ियत यह है कि वह समाज और उसकी परेशानियों के बारे में बहुत संवेदनशील है। इसके अलावा जिज्ञासु होने के साथ-साथ वह समस्‍याओं का हल खोजने में बहुत रुचि लेती है। खुद दक्षायनी का भी कहना है कि हमारी समस्‍याओं के ढेरों समाधान हो सकते हैं लेकिन ऐसे समाधान का क्‍या फायदा जो हमारी क्षमताओं के बाहर हो।


from https://navbharattimes.indiatimes.com/good-news/good-news-up-farmers-daughter-dakshayani-pandey-stanford-university-scholarship-latest-news-update/articleshow/96651432.cms
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