लो आ गया नया साल... 12 बजते ही झूमने लगे लोग, आतिशबाजी से जगमगाया आसमान
नई दिल्ली: कोविड-19 महामारी के चलते दो साल के ब्रेक के बाद नए साल पर इस बार देश में रौनक दिखी। पिछले दो साल कोरोना के खौफ में बीते। इस बार भी थोड़ा डर है, लेकिन कोरोना वैक्सीन और मास्क के 'डबल प्रोटेक्शन' से लोग स्ट्रांग भी हो चुके हैं। आधी रात को जैसे ही घड़ी की सुई 12 पर पहुंची, घरों और पार्टियों में इस पल का बेसब्री से इंतजार कर रहे लोग झूम उठे। झूम बराबर झूम... के गाने बजने लगे, पटाखे फोड़े गए और देर रात तक मौज-मस्ती का दौर चलता रहा। लोगों ने एक दूसरे को नए साल 2023 की शुभकामनाएं दीं। राजधानी दिल्ली में शाम से ही तैयारियां शुरू हो गई थीं। नए साल की पूर्व संध्या पर लोग जश्न मनाने के लिए घरों से निकल गए थे। मुंबई में आधी रात को मरीन ड्राइव पर काफी लोग जुटे और नाच-गाना चलता रहा। देश के अलग-अलग शहरों में देर रात तक मौज-मस्ती का दौर चलता रहा। उत्तराखंड के मसूरी से तस्वीरें आई हैं, जहां लोग आधी रात को म्यूजिक पर जमकर थिरके। उधर, दिल्ली-नोएडा से बड़ी संख्या में लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ कर्तव्य पथ पर उमड़े। काफी समय बाद कर्तव्य पथ फिर से पिकनिक स्पॉट बन गया। यहां कुछ बच्चे भी दिखे।शनिवार की शाम दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम समेत देश के कई शहरों में लोग नए साल के जश्न के लिए शॉपिंग मॉल और अन्य जगहों पर जुटे। राजधानी में इंडिया गेट और कनॉट प्लेस जैसी जगहों पर भारी भीड़ रही। कोविड से संबंधित प्रतिबंधों के कारण पिछले दो वर्षों में समारोह पर रोक थी और नए साल का जश्न धूमधाम के साथ नहीं मना। इस बार कोई प्रतिबंध नहीं था। आलम यह था कि जैसे ही विजिटर नए साल का जश्न मनाने के लिए इंडिया गेट पर इकट्ठा हुए, भारी भीड़ जमा हो गई। इससे आस-पास के इलाकों में यातायात के हाल बिगड़ गए। आईटीओ, मंडी हाउस, आश्रम, मथुरा रोड, ग्रीन पार्क, डीएनडी पर वाहनों की रफ्तार धीमी रही। कनॉट प्लेस में सैकड़ों लोग देखे गए। कई दुकानें, बार और रेस्तरां सजावट से जगमगा रहे थे। दिल्ली पुलिस ने कनॉट प्लेस में रात आठ बजे से यातायात प्रतिबंध लगा दिया था। ग्रेटर नोएडा में रात 1 बजे तक लोग खुद पार्टियों में गाने गाते रहे। अगले दिन संडे होने के कारण इस बार नए साल का जश्न दो गुना हो गया था। ऑफिस जाने की फिक्र नहीं तो लोगों ने टेंशन फ्री होकर पार्टी की। कोरोना ने दो साल हमें रोक रखा था... लाजपत नगर से अपने परिवार के साथ आई रजनी भल्ला ने कहा कि उनके लिए नए साल के मौके पर कर्तव्य पथ आना एक वार्षिक रस्म सी बन गई थी लेकिन कोरोना वायरस के कारण यह सिलसिला रुक गया था। भल्ला ने कहा, ‘मैं उत्साहित महसूस कर रही हूं। कर्तव्य पथ के उद्घाटन के बाद मैं पहली बार यहां आई हूं। यह काफी आकर्षक लगता है और मौसम भी खुशनुमा है। हम भीड़भाड़ वाले मॉल और बाजार में जाने के बजाय अपने परिवार के साथ कुछ अच्छा वक्त बिताने के लिए यहां आना पसंद करते हैं।’ अपने माता-पिता और दोस्तों के साथ कर्तव्य पथ पर आए राज (11) ने कहा, ‘मुझे अपने दोस्तों के साथ खेलना और यहां आना पसंद है क्योंकि यहां हमें काफी जगह मिल जाती है। हम लूडो, फुटबॉल और छुपन-छुपाई खेलते हैं।’ कई लोग इस दिन को यादगार बनाने के लिए सेल्फी लेते और तस्वीरें खिंचवाते नजर आए। पेशेवर फोटोग्राफर प्रशांत सिंह ने कहा, ‘अच्छी गुणवत्ता वाले कैमरा फोन उपलब्ध होने के कारण लोग सेल्फी लेना पसंद कर रहे हैं लेकिन फिर भी कुछ लोग है जो पेशेवरों से तस्वीरें खिंचवा रहे हैं। कुल मिलाकर यह अच्छा दिन रहा क्योंकि मुझे कई ग्राहक मिले।’ भीड़ बढ़ने के साथ ही रेहड़ी-पटरी वाले भी अच्छी-खासी बिक्री होने की बाट जोह रहे हैं। कर्तव्य पथ पर प्लास्टिक बॉल और खिलौने बेचने वाले राम शंकर ने कहा, ‘अभी तक अच्छी शुरुआत रही है। सैकड़ों लोग अपने बच्चों के साथ आए हैं और मैंने अन्य दिन के मुकाबले अधिक पैसा कमाया है।’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक कर्तव्य पथ का उद्घाटन किया था। इसे पहले राजपथ के नाम से जाना जाता था। आधी रात के बाद सेल्फी और डांस का दौर शुरू हुआ। सोशल मीडिया, व्हाट्सएप ग्रुप पर नए साल के स्वागत के संदेश की बाढ़ आ गई। पूरब से पश्चिम, उत्तर से दक्षिण भारत के शहरों में धूमधाम से नए साल का जश्न मनाए जाने की खबरें मिली हैं। (एजेंसियों के इनपुट के साथ)
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