विजय सिन्हा को क्यों याद आया कुमार सानू का गाना, छपरा लिंचिंग से क्या है इसका कनेक्शन?
पटना/छपरा: बिहार के छपरा में तीन युवकों को 2 फरवरी की रात कुछ लोगों की ओर से तीन युवकों को बांधकर जमकर पीटने के आरोप लगे। पिटाई की वजह से जहां एक युवक की घटनास्थल पर ही मौत हो गई वहीं लगभग मरणासन्न स्थिति में दो युवकों को बेहतर इलाज के लिए पटना भेज दिया गया। मॉब लिंचिंग की इस घटना की खबर सुनने के बाद 2 जातियों के बीच तनाव पैदा हो गया, जिसे काबू में करने के लिए प्रशासन को धारा 144 का उपयोग करना पड़ा। छपरा में हुई इस मॉब लिंचिंग पर अपना दर्द बयां करने के लिए बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कुमार सानू के गाए हिट गाने की एक पंक्ति का सहारा लिया। उन्होंने कुमार सानू के गाए सॉन्ग की पंक्ति 'जिससे डरते थे वही बात हो गई...' वाली लाइन को दोहराया। उनका कहना है कि राष्ट्रीय जनता दल (RJD) अगड़े-पिछड़े का विष-वमन कर बिहार को आग में झोंकने का षड्यंत्र रचा जा रहा है।
नेता प्रतिपक्ष ने जनता से की अपील
बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने छपरा में हुए मॉब लिंचिंग की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि बिहार की जनता को अब ऐसे राजनीतिक दल और नेताओं से अलर्ट रहने की जरूरत है। जो समाज में जहर घोलकर अपनी राजनीतिक रोटी सेकना चाहते हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि बिहार की जनता समझ रही है कि आरजेडी और जेडीयू के साथ कांग्रेस भी बिहार को एक बार फिर जातीय संघर्ष की राह पर ले जाना चाहती है। उन्होंने कहा कि जनता 1990 से लेकर 2005 का दौर देख चुकी है। जनता को पता है कि किस तरह राष्ट्रीय जनता दल ने समूचे बिहार में जातीय हिंसा करा कर 15 साल तक राज किया था। उन्होंने कहा कि जनता दल यूनाइटेड और राष्ट्रीय जनता दल अपना जनाधार खोती जा रही है लिहाजा अब राष्ट्रवाद के नाम पर एक हो रहे हिंदुओं को फिर से जातीयता की आग में झोंकना चाहती है।मैंने पहले ही जताई की आशंका : नेता प्रतिपक्ष
विजय कुमार सिन्हा का कहना है कि उन्होंने पहले ही भांप लिया था कि आरजेडी बिहार को फिर से 90 के दशक में ले जाने की तैयारी कर चुकी है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जेडीयू और नीतीश कुमार का जनाधार भी काफी तेजी से घट रहा है लिहाजा राष्ट्रीय जनता दल को इस साजिश में जनता दल यूनाइटेड की भी मौन सहमति प्राप्त है। विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि आरजेडी नेता और नीतीश मंत्रिमंडल में शामिल आलोक मेहता ने भी अपने बयान में जिस तरह के शब्दों का प्रयोग किया था वह दर्शाता था कि राष्ट्रीय जनता दल अब पूरी तरह से जात की राजनीति पर उतर चुकी है। उन्होंने कहा कि आलोक मेहता का '10 प्रतिशत वाले अंग्रेजों के दलाल' जैसा बयान जातीय उन्माद भड़काने का प्रयास ही था।लालू यादव के 'भूरा बाल साफ करो' को तेजस्वी कर रहे पूरा : नेता प्रतिपक्ष
विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि लालू प्रसाद की पार्टी आरजेडी की बुनियाद ही जातीय उन्माद व नफरत पर टिकी हुई है। उन्होंने कहा कि चोर दरवाजे से सत्ता हासिल करने वाला राजद का मकसद एक बार फिर से बिहार को जातीय नफरत की आग में झोंकना है। जंगल और गुंडाराज के खलनायक आरजेडी जाति और धर्म के आधार पर वोटरों का ध्रुवीकरण करने का घृणित प्रयास कर रहा है। वहीं, राज्य में व्याप्त अपराध व भ्रष्टाचार से ध्यान भटकाने के लिए यह सारा खेल किया व कराया जा रहा है, जो आगे भी जारी रहेगा। नेता प्रतिपक्ष ने यह भी कहा कि कभी लालू यादव ने 'भूरा बाल साफ करो' का नारा दिया था। अब उसी राह पर चलकर उनके पुत्र तेजस्वी 'अगड़ों' को गाली दिलवा रहे हैं। आरजेडी और जेडीयू दिखावे के लिए नूरा-कुश्ती कर रहा है,किसी की ओर से कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। लेकिन जातीय-धार्मिक उन्माद फैलाने के इस आरजेडी और जेडीयू के इस खेल को बिहार की जनता बखूबी समझ रही है।छपरा की घटना दुर्भाग्यपूर्ण : डॉ संजय जायसवाल
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और बेतिया से लोकसभा सांसद डॉ संजय जायसवाल ने कहा कि छपरा की घटना दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि पहले तो जब किसी मुसलमान की पिटाई होती थी तब बिहार की पुलिस उसे मॉब लिंचिंग कहती थी। लेकिन छपरा की घटना डराने वाली है। क्योंकि इसमें 1990 से 2005 वाले बिहार की तस्वीर दिखाई दे रही है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि बिहार की जनता भाजपा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास व सबका प्रयास ' के साथ है। इसलिए बीजेपी के रहते राष्ट्रीय जनता दल का यह कुत्सित प्रयास कभी सफल होने वाला नहीं है।क्या है पूरा मामला
दरअसल, 2 फरवरी की रात छपरा के एक गांव के मुखिया प्रतिनिधि विजय यादव और उसके समर्थकों पर तीन युवकों की बांधकर पिटाई किए जाने का आरोप है। मिली जानकारी के अनुसार अमितेश सिंह राहुल सिंह आलोक सिंह नामक तीन युवकों को पहले बंधक बनाया गया और उनकी जमकर पिटाई की गई। इसकी वजह से अमितेश सिंह की घटनास्थल पर ही मौत हो गई जबकि दो युवकों को इलाज के लिए पटना के पीएमसीएच में भर्ती कराया गया है। इधर घटना की जानकारी मिलने के बाद दो जातियों के बीच तनाव पैदा हो गया और उस गांव में आगजनी और तोड़फोड़ की घटना भी देखने को मिली। घटना के 4 दिन बाद भी बवाल जारी है जिसे रोकने के लिए पुलिस प्रशासन ने धारा 144 का सहारा लिया है।रिपोर्ट: नीलकमलfrom https://navbharattimes.indiatimes.com/state/bihar/saran/bihar-leader-of-opposition-vijay-sinha-said-on-chhapra-lynching-what-he-was-afraid-of-has-happened/articleshow/97664596.cms