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यह कैसी पॉलिसी? नई शिक्षा नीति 2020 लागू पर न किताबों का भार कम हुआ न जेब का बोझ

फरीदाबाद: निजी स्कूलों में एडमिशन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। कहा गया था कि नई शिक्षा नीति के तहत राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) की किताबें चलेंगी और बस्ते का बोझ कम होगा, लेकिन इस समय धरातल पर कुछ और ही है। पैरंट्स का कहना है कि न तो उनकी जेब का बोझ कम हुआ और न ही बच्चों के कंधे से किताबों का भार। फरीदाबाद में ज्यादातर स्कूल संचालक NCERT की बुक्स के बजाय सपोर्टिंग बुक्स निजी प्रकाशकों से खरीदने को कह रहे हैं। वह भी दुकान से ही किताबें खरीदने के लिए कहा जा रहा है। कुछ स्कूल के अंदर भी बुक्स, यूनिफॉर्म बेचे जा रहे हैं।इस संबंध में निजी स्कूल संचालकों का कहना है कि NCERT की बुक्स का कॉन्सेप्ट कठिन होता है। स्टूडेंट्स को कॉन्सेप्ट क्लियर करने के लिए सपोर्टिंग बुक्स का सहारा लेना पड़ता है। स्कूलों में टीचर्स भी इतने ट्रेंड नहीं होते कि NCERT की बुक्स से पढ़ा सकें।

सिलेबस में बदलाव

इस वर्ष स्कूलों में न्यू एजुकेशन पॉलिसी को ध्यान में रखते हुए एडमिशन किए गए है। स्कूल शिक्षा निदेशालय ने इस संबंध में स्कूल संचालकों ने निर्देश दिए हैं। नई पॉलिसी के तहत सिलेबस में भी बदलाव किया गया है। जानकारी के मुताबिक, फॉउडेंशन स्टेज में सिलेबस में बदलाव किया गया है। यह बदलाव पहले की तुलना में बच्चों के लिए ज्यादा इंटरेक्टिव है।

स्कूलों ने एक दुकान की हुई है सेट

बताया जा रहा है कि अधिकतर स्कूलों ने अलग-अलग दुकानें सेट की हैं। दुकानदार को बताया गया है कि अभिभावक को किस क्लास की कौन सी बुक देनी है। जानकारी के मुताबिक, एक नामी स्कूल के लिए नर्सरी क्लास की बुक्स की कीमत 1613, LKG की 2524, UKG की 2427, पहली क्लास की 4487, दूसरी की 4676, तीसरी की 5124, चौथी की 6408, पांचवीं की 6764, छठी की 7037, आठवीं की 6552 है। NCERT की बुक्स से इन किताबों की कीमत करीब दो से तीन गुना ज्यादा है।

क्या कहता है नियम

नैशनल एजुकेशन पॉलिसी के माध्यम से छात्रों के स्कूल बैग का वजन और होमवर्क कम किया जाएगा। एक से लेकर 10वीं कक्षा तक के छात्रों के बैग का वजन उनके वजन का 10% ही होना चाहिए। नई शिक्षा नीति 2022 के तहत बच्चों को वील कैरियर बैग लाने पर भी रोक लगाई जाएगी, क्योंकि इस बैग से बच्चों को चोट लगने का खतरा बना रहता है। इसके अलावा सभी विद्यालयों में एक डिजिटल वेइंग मशीन रखने को भी कहा गया है, जिससे स्कूल बैग का वजन मॉनिटर किया जाना है।


from https://navbharattimes.indiatimes.com/state/punjab-and-haryana/faridabad/national-education-policy-2020-for-schools-but-students-not-get-relief-from-heavy-bags/articleshow/99252804.cms
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