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फरीदाबाद से अपहत उद्यमी की नैनीताल में हत्या, घरवाले भटकते रहे और पुलिस मानती रही पार्टनर से विवाद

फरीदाबाद : एक सप्ताह पहले सेक्टर-15 फरीदाबाद से अपहरण किए गए उद्यमी नागेंद्र चौधरी (35) का शव रविवार को उत्तराखंड के नैनीताल में मिला। पुलिस व परिजन शव के लिए नैनीताल पहुंच गए थे। एक सप्ताह तक पुलिस उनके बारे में सुराग नहीं लगा सकी। शव देखकर अंदाजा लगाया जा रहा है कि अपहरण के दिन ही उनकी गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। पीड़ित परिजन भी पुलिस की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं दिख रहे हैं। पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। पुलिस दो पार्टनर के बीच लेन-देन का विवाद बताकर मामले को हलके में लेती रही। ये भी पता नहीं लग सकी कि गाड़ी किस रूट पर गई है। ऐसे में सर्विलांस और CCTV को लेकर भी सवाल खड़े हो गए हैं।फरीदाबाद के मोहला गांव निवासी नागेंद्र चौधरी की कपड़ा डाई करने की फैक्ट्री है और शहर के एक सेक्टर में परिवार के साथ रह रहे थे। वह 30 मई की सुबह करीब 10:30 बजे अपने ड्राइवर बंसीलाल के साथ फॉर्च्युनर गाड़ी से सेक्टर-15 में किसी से मिलने गए थे। जहां एक पार्क के निकट नागेंद्र ने ड्राइवर से कार साइड में लगाने को कहा।

इस तरह हुआ था किडनैप

पीछे से स्कॉर्पियो में कुछ युवक आए और फायरिंग कर नागेंद्र को गाड़ी समेत अपहरण कर ले गए। अपहरणकर्ताओं की धरपकड़ के लिए क्राइम ब्रांच की पांच टीम छापेमारी कर रही थी, लेकिन पुलिस को सफलता नहीं मिली। अब नैनीताल के दोगांव के पास जंगल में उनका शव मिला है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, सर्विलांस के आधार पर नागेंद्र की लोकेशन ज्योलीकोट दो गांव के समीप मिली थी, जिसके बाद फरीदाबाद और नैनीताल पुलिस ने संयुक्त रूप से अभियान चलाकर जंगलों में खोजबीन शुरू की। रविवार को पुलिस को दोगांव के समीप जंगल में शव मिला। शव कई दिन पुराना है। इसके बाद परिवार को शव की पहचान के लिए फरीदाबाद से नैनीताल बुलाया गया। ज्योलीकोट चौकी प्रभारी नरेंद्र कुमार ने कहा है कि मौत के कारणों की जांच फरीदाबाद पुलिस करेगी।

परिजन ही खंगालते रहे CCTV फुटेज, खुद ही खोजा मोबाइल

नागेंद्र के जीजा अविनाश ने बताया कि पुलिस की कार्रवाई से वह संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने अपने स्तर पर भी कई टोल प्लाजा पर लगे सीसीटीवी कैमरे चेक किए थे। पुलिस ने भी यह काम किया, लेकिन डासना टोल प्लाजा की फुटेज में देखने को मिला कि नागेंद्र का मोबाइल वहां से सुनसान जगह में फेंका गया था, जिसे पुलिस ने नहीं खोजा। इस बारे में पुलिस को बताया भी गया था। दो दिन बाद परिजनों ने ही मोबाइल खोजा।

पता बताया, फिर भी नहीं पकड़े

इतना ही नहीं पीड़ित परिवार ने पंकज और उसके साले बबलू के घर का पता भी बताया। उनका आरोप है कि पुलिस ने आरोपियों के परिजनों से पूछताछ तक नहीं की। अगर पुलिस उसी दिन परिजनों से पूछताछ करती तो शायद नागेंद्र का पता चल जाता।

'हम पर नहीं, आरोपी पर थे पैसे '

फरीदाबाद के पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने बताया था कि पैसों की देनदारी के चलते नागेंद्र का अपहरण किया गया था। नागेंद्र के पार्टनर पंकज के खिलाफ सेंट्रल थाने में रिपोर्ट दर्ज हुई। पुलिस ने कहा था कि प्राथमिक जांच में सामने आया कि नागेंद्र और आरोपी पंकज दोनों पार्टनर थे, जिन्होंने चंडीगढ़ में मिलकर डिस्टलरी लगाई थी। नागेंद्र को आरोपी के करीब एक करोड़ रुपये देने थे, जो वह दे नहीं पा रहे थे। जिस गाड़ी में नागेंद्र बैठे था, वह गाड़ी भी पंकज के नाम है। अभी गाड़ी बरामद नहीं हो सकी है। आरोपी फरार है। इसके विपरीत नागेंद्र के पीए संदीप सिंह का कहना है कि उन पर पंकज के रुपये नहीं थे। बल्कि पंकज पर ही उनके 70 लाख रुपये बकाया थे, जिसे वह नहीं दे रहा था।

करीबियों को ही जानकारी

नागेंद्र चौधरी के गांव और परिवार के बेहद नजदीकी लोगों को ही उनकी मौत के बारे में जानकारी दी गई है। अधिकांश ग्रामीणों को अभी इसके बारे में जानकारी नहीं है। पोस्टमॉर्टम के बाद शव गांव में लाया जाएगा। स्थानीय थाने की पुलिस ने भी इसकी पुष्टि की है।


from https://navbharattimes.indiatimes.com/state/punjab-and-haryana/faridabad/faridabad-businessman-nagendra-chawdhari-kidnapped-and-murder-in-nainital/articleshow/100752210.cms
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