मोहन यादव के सामने एमपी में हैं ये पांच बड़ी चुनौतियां? लोकसभा चुनाव में होगी असली परीक्षा
भोपाल: मध्यप्रदेश में बीजेपी की सरकार बन गई है। बीजेपी ने इस बार शिवराज सिंह चौहान की जगह मोहन यादव को राज्य का नया मुख्यमंत्री नियुक्त किया है। मोहन यादव उज्जैन दक्षिण से विधायक हैं। बुधवार को उन्होंने सीएम पद की शपथ ली। माना जा रहा है कि बीजेपी ने नई लीडरशिप तैयार करने के लिए यह चौंकाने वाला फैसला लिया है। कहा जा रहा है कि बीजेपी इस फैसले से लोकसभा चुनाव में यूपी और बिहार के यादव वोटर्स को साधने के लिए भी यह फैसला लिया गया है। नए सीएम मोहन यादव के सामने कई चुनौतियां भी हैं। मोहन यादव को संघ का करीबी माना जाता है। कहा जा रहा है कि विधानसभा चुनाव का रिजल्ट आने के बाद भी बीजेपी आलाकमान ने मोहन यादव को सीएम बनाने का फैसला कर लिया था। घोषणा विधायक दल की बैठक में की गई थी। कौन सी हैं चुनौतियां
- मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की छवि मामा के रुप में है। सीएम शिवराज प्रदेश के बेटे-बेटियों को भांजे-भांजी कहते हैं। मोहन यादव के सामने सबसे बड़ी चुनौती होगी शिवराज सिंह चौहान को क्रास किए बिना प्रदेश में अपनी नई छवि बनाना। इसके साथ ही सीनियर विधायकों का समर्थन हासिल करना।
- मध्यप्रदेश में कई सीनियर नेताओं को दरकिनार कर मोहन यादव को सीएम बनाया गया है। ऐसे में मोहन यादव को सीनियर विधायकों को अपने साथ में रखकर पूर्व के मंत्रियों को भी साधना होगा।
- सत्ता और संगठन के बीच तालमेल स्थापित करना है। मोहन यादव संघ के करीबी हैं ऐसे में उन्हें सत्ता और संगठन के बीच सामंजस्य बैठाकर चलना होगा।
- कैबिनेट गठन के समय सभी गुटों को साधना। ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक नेता, शिवराज सिंह चौहान के करीबी, वीडी शर्मा के करीबी नेताओं को जगह देकर संतुलन बनाने की कोशिश करना होगा।
- लोकसभा चुनाव 2024 को ध्यान में रखते हुए मोहन यादव का फोकस होगा की बीजेपी की उन घोषणाओं को पूरा किया जाए जिसका आम जनता से सीधा संबंध है। इसके साथ ही लोकसभा चुनाव के जातिगत समीकरण का भी ध्यान रखना होगा।
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