NASA के सामने होगा नोएडा के उत्कर्ष और ओम का टैलंट, NCR के 16 छात्रों की टीम के साथ करेंगे देश का प्रतिनिधित्व
नोएडा: मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है। ये लाइनें ग्रेटर नोएडा के छोटे से गांव छौलस में रहने वाले उत्कर्ष और सेक्टर 12 के ओम पर सटीक बैठती हैं। दोनों ही छात्रों के साइंस मॉडल वैज्ञानिकों को इतना पसंद आया कि उनका चयन नासा के ह्यूमन एक्सप्लोरेशन रोवर चैलेंज में हुआ है।कलौंदा के से 10वीं के छात्र उत्कर्ष मलिक ने इलेक्ट्रिक वीकल में चार्जिंग के दौरान आग लगने की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए प्रॉजेक्ट बनाया था। उन्होंने बिना तार के चार्ज होने वाले ई-वीकल का मॉडल प्रदर्शित किया था। इसी मॉडल के आधार पर उनका सिलेक्शन हुआ। अब वे 18 से 20 अप्रैल तक होने वाली नासा की प्रतियोगिता में एनसीआर के अन्य 16 छात्रों के साथ भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। वत्स राज स्वतंत्र भारत इंटर कॉलेज में जीव विज्ञान के प्रवक्ता डॉ. रजनीश कुमार शर्मा ने बताया कि उत्कर्ष मलिक पढ़ाई में तेज होने के साथ ही काफी क्रिएटिव भी है। पूर्व में उसने दनकौर, नोएडा जीआईसी और जीजीआईसी में जनपद स्तरीय विज्ञान प्रदर्शनी में अपना प्रॉजेक्ट दिखाया, लेकिन तब उसे सफलता नहीं मिली। उन्होंने बताया कि जनवरी में एक निजी संस्थान में साइंस मॉडल प्रतियोगिता हुई थी। असफलता से परेशान होकर उत्कर्ष हिस्सा नहीं लेना चाहता था। जिस पर सभी ने उसे मोटिवेट किया। उसने हिस्सा लेते हुए अपने प्रॉजेक्ट को दिखाया। उसके प्रॉजेक्ट पर उसे 16 सदस्यीय टीम में जगह मिली है। उत्कर्ष बताते हैं कि उनके पिता उपेंद्र सिंह को आठ वर्ष पहले ब्रेन हेमरेज हो गया था। उनके 80 वर्षीय दादा सुरेंद्र सिंह खेती करते हैं। उनके साथ मां और वह हाथ बंटाते हैं। खेती और दूध बेचकर किसी तरह घर का खर्च चलता है। बहन निकिता 10वीं में पढ़ती है। डीएम ने की सराहना, डीआईओएस करेंगे मददप्रतियोगिता में उत्कर्ष के प्रॉजेक्ट को जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने निरीक्षण के दौरान 10 से 15 मिनट स्टॉल पर रुककर गहनता से देखा था। बिना चार्ज किए ई-वीकल की चार्जिंग के उनके प्रॉजेक्ट की उन्होंने काफी तारीफ भी की थी। वहीं डीआईओएस डॉ. धर्मवीर सिंह ने बताया कि उत्कर्ष हाईस्कूल की परीक्षा दे रहा है। हम उसे आगे भी हर तरह की सुविधा मुहैया कराएंगे।ओम के मॉडल को मिली सराहनासेक्टर-12 में रहने वाले ओम में 11वीं के छात्र हैं। ओम ने बताया कि स्कूल के शिक्षक अक्षय कुशवाहा की देखरेख में उन्होंने निजी संस्थान में आयोजित साइंस एग्जिबीशन में हिस्सा लिया था। जिसमें उन्होंने मार्स एक्सप्लोरेशन रोवल मॉडल प्रदर्शित किया था। उन्होंने बताया कि उनका मॉडल मंगल ग्रह में तापमान, आद्रता और नमी को बताने में सक्षम है। वह किसी भी सरफेस में चल सकता है। चाहे ही वह सतह ऊबड़ खाबड़ ही क्यों न हो। ओम की मां घरेलू सहायिका और पिता ई-रिक्शा चलाते हैं। सात महीने पहले सड़क हादसे में पैर टूटने के कारण पिता अभी घर पर ही हैं।
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