कर्नाटक की गुफा में मिली रूसी महिला कैसे चला रही थीं अपना खर्च? नीना कुटिना ने सबकुछ बताया

बेंगलुरु: मैं आर्ट, म्यूजिक वीडियो बनाकर अपना खर्च चलाती थी। कभी बच्चों को पढ़ाती थी और कभी-कभी उनकी देखरेख करती थी। इसके बाद भी अगर मेरे पास कोई काम नहीं होता था। जो मैं दूसरों के लिए कर सकती थी। तो ऐसी स्थिति में तो मेरा भाई, मेरे पिता मदद करते हैं। इसलिए हमारे पास हमेशा ज़रूरत के हिसाब से पर्याप्त पैसा होता है। यह कहना रूसी महिला नीना कुटिना का है। जिन्हें 11 जुलाई को पुलिस ने में रामतीर्थ हिल की एक गुफा में रेस्क्यू किया था। रूसी महिला नीना कुटिना का कहना है कि उन्होंने कुछ इसी तरीके से गुफा में लंबा समय बिताया। प्रकृति के साथ चल रही थीं नीना नीना कुटिना एक ट्रेंड टीचर और संगीत वीडियो बना सकती हैं। नीना ने अब 20 देशों की यात्रा की की। 40 साल की रूसी महिला नीना कुटीना ने बताया कि वह प्रकृति के साथ सामंजस्य बिठाकर रहती थीं और मौसम के अनुसार आग या गैस सिलेंडर पर खाना बनाती थीं। नीना गुफा में अपनी दो बेटियों के साथ मिली थीं। उनकी बेटियां काफी छोटी हैं। इनमें प्रेया (6) और अमा (4) हैं। पुलिस ने 11 जुलाई को रामतीर्थ पहाड़ियों के एक एकांत गुफा नीना को बेटियों के साथ खोजा था। अब उन्होंने बताया है कि वह सुनसान जगह पर कैसे जीवित रह रही थीं। गांव से किराने का सामान नीना कुटिया ने पीटीआई से बातचीत में कहा कि वह पास के गांव से किराने का सामान लाती थी। नीना बताती हैं कि हम सूरज के साथ उठते थे, नदियों में तैरते थे और प्रकृति के बीच रहते थे। मैं मौसम के हिसाब से आग या गैस सिलेंडर पर खाना बनाती थी और पास के गांव से किराने का सामान लाती थी। हम पेंटिंग करते थे, गाने गाते थे, किताबें पढ़ते थे और शांति से रहते थे। उसने बताया कि वह पेंटिंग करती थी, गाने गाती थी, किताबें पढ़ती थी और शांति से रहती थी। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि परिवार लगभग दो हफ़्तों से गुफा में रह रहा था। पुलिस ने एक बयान में कहा कि कुटीना गुफा में मोमबत्ती की रोशनी में ध्यान करती थीं और उन्हें "जंगल में रहकर ईश्वर की आराधना करने में रुचि थी। 15 साल से कर रही हैं भ्रमण ने यह भी बताया कि उन्होंने पिछले 15 सालों में 20 से ज़्यादा देशों की यात्रा की है।वह बिज़नेस वीजा पर भारत आईं और गोवा होते हुए पवित्र तटीय शहर पहुंची थीं। इस दौरान वह वीजा की अवधि से ज्यादा समय तक वहां रहीं। परिवार के साथ जंगल में दूर चली गई। जहां उन्होंने घने जंगलों और खड़ी ढलानों के बीच एक प्राकृतिक गुफा को अपना घर बना लिया। पुलिस को नीना ने बताख है कि वह गोवा में रूसी भाषा की ट्यूटर के रूप में काम करती थीं। अधिकारियों ने कहा है कि कुटीना अपने वीज़ा की अवधि से आठ साल से ज़्यादा समय तक वहां रहीं। नीना के अनुसार उनके बच्चे अलग-अलग जगहों पर पैदा हुए थे। मैंने उन सभी को बिना किसी अस्पताल या डॉक्टर के, खुद जन्म दिया, क्योंकि मुझे पता है कि यह कैसे करना है। किसी ने मेरी मदद नहीं की, मैंने यह अकेले ही किया।भारत से बहुत ज्यादा प्यार नीना रूस लौटकर नहीं जाने के सवाल पर कहती हैं कि इसके कई जटिल कारण थे। सबसे पहले, कई व्यक्तिगत नुकसान इसकी मुख्य वजह है। नीना के अनुसार न केवल मेरे बेटे की मृत्यु, बल्कि कुछ अन्य करीबी लोगों की भी। नीना कहती है कि हम लगातार दुःख, कागजी कार्रवाई और अन्य समस्याओं से जूझ रहे थे। कुटीना ने कहा कि उन्होंने चार अन्य देशों की यात्रा की और फिर भारत वापस आ गईं, क्योंकि वह भारत से बहुत प्यार करती हैं। इसमें यहां पर पर्यावरण, यहां के लोग शामिल हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वह रूसी दूतावास के संपर्क में हैं, जो उनके परिवार की मदद कर रहा है।
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