हमारे IKEA, Volvo कहां... भारत के सिर्फ एक शहर में स्वीडन की आबादी से ज्यादा इंजीनियर, फिर क्यों खा रहे मात?

नई दिल्ली: दिल्ली के एक स्टार्टअप संस्थापक ने भारत और स्वीडन के वर्क कल्चर की तुलना की है। उनके अनुसार, भारत तेजी से निर्माण करता है, जबकि स्वीडन बेहतर निर्माण करता है। इसकी वजह है एक खास सोच। भारत की '' (जल्दी सफलता पाने की संस्कृति) इस सोच को अपनाने से इनकार करती है। यह सोच है: बस उतना ही करना जितना जरूरी है। विपुल अग्रवाल ने लिंक्डइन पर लिखा, 'बेंगलुरु में स्वीडन से ज्यादा इंजीनियर हैं। हम 14 घंटे काम करते हैं, जल्दी प्रोडक्ट बनाते हैं, चीजें तोड़ते हैं और तेजी से आगे बढ़ते हैं।' फिर भी, भारत के एक शहर से भी छोटे स्वीडन ने IKEA, Spotify, H&M और Volvo जैसे ग्लोबल ब्रांड बनाए हैं। अग्रवाल का कहना है कि अंतर पूंजी, प्रतिभा या उपकरणों का नहीं है, बल्कि 'लैगोम' का है। यह एक स्वीडिश दर्शन है जिसका मतलब है: न बहुत ज्यादा, न बहुत कम, बस उतना ही जितना जरूरी है। विपुल कहते हैं, 'वे 'हसल' नहीं करते हैं। यही बात इसे हमेशा के लिए प्रासंगिक बनाती है।'विपुल अग्रवाल के अनुसार, स्वीडन की कंपनियां 'लैगोम' नाम के दर्शन पर चलती हैं। इसका मतलब है, 'न बहुत ज्यादा, न बहुत कम, बस उतना ही जितना जरूरी है।' वे ज्यादा मेहनत करने में विश्वास नहीं रखते। यही वजह है कि उनके ब्रांड IKEA, Spotify, H&M और Volvo पूरी दुनिया में छाए हुए हैं। ये कंपनियां दिखाती हैं कि कम में भी अच्छा काम किया जा सकता है।
भारतीय स्टार्टअप क्यों रह जाते हैं पीछे?
अग्रवाल बताते हैं कि स्वीडिश ब्रांड कैसे संयम दिखाते हैं। IKEA बहुत ज्यादा महंगा नहीं है। यह बस इतना डिजाइन और कीमत देता है जो लोगों को पसंद आए। Spotify सिर्फ गाने ही नहीं देता, बल्कि सोशल मीडिया और अपनी पसंद के गाने चुनने का विकल्प भी देता है। Volvo सिर्फ दिखावे के लिए नहीं है। यह आराम और सुरक्षा पर ध्यान देती है।अग्रवाल का कहना है कि इसके उलट भारतीय स्टार्टअप बहुत सारे नियमों, तरीकों और फंडिंग के चक्कर में फंसे रहते हैं। वे किसी भी कीमत पर आगे बढ़ना चाहते हैं और असली चीज को भूल जाते हैं। उन्होंने कहा, 'हम भूल जाते हैं कि कभी-कभी आपको कम नियमों और ज्यादा बुनियादी बातों की जरूरत होती है।'स्वीडिश कंपनियों की नकल करते हैं, सोच की नहीं
अग्रवाल का कहना है कि दुनिया भर के संस्थापक स्वीडिश कंपनियों की नकल करते हैं। लेकिन, उनकी सोच की नहीं। उन्होंने कहा, 'दुनिया IKEA के कम से कम डिजाइन, Spotify के इस्तेमाल में आसान होने और H&M की कीमतों की नकल करने की कोशिश करती है, लेकिन उनके पीछे के दर्शन को भूल जाती है।'विपुल अग्रवाल के अनुसार, स्वीडन के ब्रांड्स की सफलता का राज 'लैगोम' है। इसका मतलब है कि हर चीज में संतुलन बनाए रखना। न तो बहुत ज्यादा और न ही बहुत कम। बस उतना ही जितना जरूरी है।from https://navbharattimes.indiatimes.com/business/business-news/indias-bengaluru-has-more-engineers-than-sweden-yet-why-cant-it-create-brands-like-ikea-spotify-hm-expert-explains-reason/articleshow/122770394.cms