चिकित्सा सामग्री के लिए दिल्ली हवाई अड्डे को आयात-निर्यात केंद्र का दर्जा मिला, 3,800 वर्ग मीटर के क्षेत्र में विशेष व्यवस्था
दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ से जुड़ी चिकित्सा सामग्रियों के आयात-निर्यात के बड़े केंद्र के रूप में औपचारिक दर्जा मिल गया है। दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड (डायल) ने गुरुवार को बताया कि कोविड-19 महामारी की शुरुआत से ही दिल्ली हवाई अड्डा हर प्रकार की लॉजिस्टिक सुविधाएं मुहैया करा रहा है। हवाई अड्डे पर रोजाना 20-22 कार्गो विमानों का परिचालन हो रहा है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने अब औपचारिक रूप से उसे चिकित्सा सामग्रियों के आयात-निर्यात के लिए बड़े हब का दर्जा प्रदान कर दिया है।
मास्क, सेनिटाइजर, पीपीई किट अलग-अलग राज्यों में यहां से भेजे गए
डायल ने बताया कि कोरोना से जुड़ी चिकित्सा सामग्रियों के लिए 3,800 वर्ग मीटर के क्षेत्र में विशेष व्यवस्था की गई है जो 21 अप्रैल से काम कर रहा है। इस नये सुविधा केंद्र में 24 टन कार्गो का पहला आयातित खेप 21 अप्रैल को आया जिसमें स्वास्थ्य कर्मियों के निजी बचाव वाले 70 हजार सूट थे। अब दिल्ली से इन सूटों को जरूरत के हिसाब से देश के अलग-अलग राज्यों में पहुंचाया जाएगा। लॉकडाउन के दौरान दिल्ली हवाई अड्डे के रास्ते अब तक 20 लाख मास्क, दो लाख बोतल सेनिटाइजर, 70 हजार सूट, डेढ़ लाख निजी बचाव साधन के किट और 50 हजार अन्य चिकित्सा उपकरण देश के विभिन्न हिस्सों में पहुंचाए गए हैं। हवाई अड्डे पर नियमित यात्री विमान सेवा बंद है, लेकिन माल ढुलाई का काम दिन-रात चल रहा है।
हवाई अड्डे पर कस्टम डिपार्टमेंट, सीआईएसएफ से ग्राउंड हैंडलिंग टीम के लोग कर रहे हैं काम
डायल के सीईओ विजय कुमार जयपुरिया ने बताया कि इस मेडिकल सप्लाई हब से इंडिया के विभिन्न हिस्सों में सामान पहुंचाने के लिए कस्टम डिपार्टमेंट, सीआईएसएफ से ग्राउंड हैंडलिंग टीम के लोग कार्य कर रहे हैं, जिससे इमरजेंसी में किसी भी क्षेत्र में जल्द से जल्द मेडिकल सप्लाई (मास्क, पीपीई किट , सेनिटाइजर आदि) पहुंचाई जा सके।
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