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ग्रेप लागू होने के बाद भी और बिगड़े हालात, एक्यूआई पहुंचा 338, एनसीआर का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर

ग्रेप लागू होने के पहले ही दिन प्रदूषण की गिरफ्त में शहर आ गया। गुरुवार को शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स 338 पर पहुंच गया। इससे फरीदाबाद एनसीआर में दूसरा सबसे प्रदूषित शहर की कतार में खड़ा हो गया। हैरानी की बात यह है कि यह हाल तब है जब गुरुवार से शहर में स ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) लागू हो गया है।

यानी जरनेटर सेट चलाने पर पाबंदी लगा दी गई है। जानकारों का कहना है यदि अभी प्रदूषण को नियंत्रित करने का प्रयास नहीं किया गया तो दिवाली तक हालात बहुत खराब हो जाएंगे। हालांकि नगर निगम और हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अपने स्तर पर तैयारियां शुरू करने का दावा कर रहे हैं लेकिन उनके दावे बढ़ते प्रदूषण स्तर को देखते हुए नाकाफी हैं।

निगम अधिकारी शहर की पांचों विधानसभा बल्लभगढ़, बड़खल, एनआईटी, फरीदाबाद और तिगांव में पांच स्वीपिंग मशीनें सड़कों पर उतारकर सफाई कराने का दावा करता है लेकिन गाड़ियां किसी को नजर नहीं आ रही हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों पर नजर डालें तो गुरुवार को फरीदाबाद का एयर क्वालिटी एंडेक्स 335 माइक्रोग्राम रिकार्ड किया गया।

जो बेहद खराब स्थिति में आता है। प्रदूषण स्तर खराब होने से बच्चों, बुजुर्गों और सांस के मरीजों की परेशानी बढ़नी शुरू हो गई है। एनसीआर के प्रमुख शहरों की तुलना करें तो फरीदाबाद दूसरा सबसे प्रदूषित शहर था। पहले नंबर पर यूपी का ग्रेटर नोएडा रहा। यहां का एयर क्वालिटी 358 दर्ज किया गया।

शहर में प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ने का प्रमुख कारण सड़कों की सफाई न होना है। इसके अलावा तेजी से चल रहे निर्माण कार्य, खुले में पड़ी निर्माण सामग्री, नेशनल हाईवे पर बारिश के बाद जमा हुई धूल का न उठाया जाना आदि है। इसके अलावा शहर की सभी प्रमुख सड़कों पर बने गड्‌ढे भी प्रदूषण फैलाने में योगदान दे रहे हैं।

बदरपुर बॉर्डर से लेकर बल्लभगढ़, झाड़सेंतली, कैलगांव और सीकरी से लेकर प्याला तक हाईवे की सड़कों पर धूल जमी है। ऐसे में जब गाड़ियां रफ्तार से दौड़ती हैं तो धूल के कण उड़कर वातावरण में फैलते हैं। इससे प्रदूषण का स्तर खराब होने लगता है।

बुजुर्ग और बच्चे बाहर निकलने से बचें: सीएमओ डॉ. रणदीप सिंह पूनिया का कहना है कि प्रदूषण का स्तर खराब होने से सबसे अधिक परेशानी बच्चों और बुजुर्गों को होती है। ऐसे में ये लोग बाहर निकलने से बचें। यदि निकलना जरूरी भी है तो मास्क का प्रयोग जरूर करें।

उधर नगर निगम स्वास्थ्य विभाग के एसई हेड क्वार्टर राजेंद्र सिंह दहिया का कहना है कि छह गाड़ियों से सड़कों की सफाई कराई जा रही है। जल्द ही सड़कों से धूल उठा ली जाएगी। वहीं दूसरी ओर एचपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी बल्लभगढ़ दिनेश कुमार का कहना है कि एक्यूआई पर नजर रखी जा रही है। जरूरत पड़ने पर ईपीसीए की गाइड लाइन का पालन कराया जाएगा।



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Even after the implementation of grape, the situation worsens, AQI reaches 338, second most polluted city of NCR


from Dainik Bhaskar https://www.bhaskar.com/local/delhi-ncr/faridabad/news/even-after-the-implementation-of-grape-the-situation-worsens-aqi-reaches-338-second-most-polluted-city-of-ncr-127817752.html
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