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संपादकीय: 12 सूत्रीय प्‍लान के साथ पहुंचे शी, क्या रूस और यूक्रेन के बीच शांति समझौता करा सकता है चीन?

चीनी राष्ट्रपति की तीन दिवसीय रूस यात्रा ऐसे समय हो रही है, जब रूसी राष्ट्रपति कुछ ज्यादा ही मुश्किलों में घिरे नजर आ रहे हैं। बीते शुक्रवार ही इंटरनैशनल क्रिमिनल कोर्ट ने यूक्रेनी बच्चों को कथित तौर पर गैरकानूनी रूप से रूस भेजे जाने के मामले में उनके खिलाफ गिरफ्तारी वॉरंट जारी किया। ऐसे में चीनी राष्ट्रपति की यात्रा ने यूक्रेन युद्ध के संदर्भ दोनों देशों की नजदीकियों को नए सिरे से रेखांकित किया है। जिनपिंग अपने बयान में इस पहलू पर जोर देते नजर भी आए। उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने अपने रिश्तों को ‘कोई गुटबंदी नहीं, कोई टकराव नहीं और किसी तीसरी पार्टी पर निशाना नहीं’ के आधार पर विकसित किया है। जाहिर है, उनका परोक्ष निशाना क्वॉड जैसे मंचों पर था, जिसे चीन अपने खिलाफ गुटबंदी बताता रहा है। बहरहाल, चीनी राष्ट्रपति की इस यात्रा का दूसरा और ज्यादा अहम पहलू यूक्रेन युद्ध बंद कराने में उनकी मध्यस्थता से जुड़ा है। जिनपिंग अपनी 12 सूत्रीय शांति योजना भी साथ लेकर आए हैं, जिसमें दोनों पक्षों के बीच बातचीत की अपील और सभी देशों की क्षेत्रीय संप्रभुता का सम्मान करने की बात है।रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने अपनी तरफ से चीन के इन शांति प्रस्तावों को लेकर न सिर्फ उत्सुकता दिखाई बल्कि इसके प्रति सम्मान भी दर्शाया है। यूक्रेन ने भी औपचारिक बयान में कहा है कि चीन, रूस पर अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए युद्ध समाप्त करवाए। लेकिन इन पॉजिटिव बयानों के बावजूद चीनी शांति प्रयासों की कामयाबी की ज्यादा उम्मीद नहीं दिख रही। वजह यह है कि पुतिन ने इन शांति प्रयासों को अहमियत देने की जितनी भी कोशिश की हो, यह साफ नहीं किया है कि वह इसे स्वीकार करने की दिशा में कितना आगे बढ़ने को तैयार हैं।उन्होंने चर्चा की बात जरूर कही है, लेकिन यह देखना बाकी है कि रूस, यूक्रेन से अपनी सेना वापस बुलाने और कब्जे में लिए गए यूक्रेनी इलाकों को वापस लौटाने जैसे मसलों पर क्या कहता है। दूसरी और ज्यादा बड़ी दिक्कत यह है कि चीन भले खुद को निष्पक्ष बता रहा हो, अमेरिका और पश्चिमी देश उसे रूस के करीबी के ही रूप में चित्रित कर रहे हैं।अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने अपने ताजा बयान में बेहद कड़ा रुख अपनाते हुए कहा है कि चीन या किसी भी अन्य देश के समर्थन से अपनी शर्तों पर युद्धविराम की रूसी चाल से दुनिया को बेवकूफ नहीं बनाया जा सकता। इसमें दो राय नहीं कि सऊदी अरब और ईरान के बीच राजनयिक संबंधों की बहाली करवाने में कामयाबी से चीन का मनोबल बढ़ा हुआ है, लेकिन यूक्रेन में शांति कायम करने की राह में अभी भी कई बड़ी मुश्किलें हैं। देखना होगा कि चीन इन्हें दूर करने में कितना सफल हो पाता है।


from https://navbharattimes.indiatimes.com/opinion/editorial/chinese-president-xi-jinping-12-point-formula-to-end-russia-ukraine-war/articleshow/98879841.cms
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