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जैश और लश्कर के बीच बढ़ी दरार, साथ काम करने को तैयार नहीं पाकिस्तानी आतंकी, खुफिया रिपोर्ट में खुलासा

इस्लामाबाद: पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसी आईएसआई जम्मू और कश्मीर में जैश एक मोहम्मद के युद्ध की ट्रेनिंग लेने वाले आतंकवादियों को भेज रहे हैं। इसका खुलासा हाल में ही एक खुफिया रिपोर्ट में हुआ है। सूत्रों ने कहा है कि भारतीय खुफिया एजेंसियों ने डेटा का विश्लेषण कर और सबूत जुटाकर पता लगाया है कि जम्मू और कश्मीर में सक्रिय इन दोनों आतंकवादी संगठनों के बीच विवाद बढ़ गया है। इतना ही नहीं, हाल के दिनों में भारत में पाकिस्तानी आतंकवादियों के घुसपैठ के प्रयास भी काफी ज्यादा बढ़े हैं।

भारत में आतंकियों को भेज रहा पाकिस्तान

NDTV की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तानी सरकारी तत्व जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों से जैश-ए-मोहम्मद के अत्याधिक प्रशिक्षित आतंकवादियों को भारत में धकेल रहे हैं। सूत्रों ने बताया है कि आतंकवादी समूहों लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के प्रमुख सदस्यों के बीच संचार के नवीनतम अवरोधन से संकेत मिलता है कि दक्षिण एशिया में आतंकवादी हमलों की योजना बनाने को लेकर उनके बीच मतभेद गहरा गए हैं।

साथ काम नहीं कर रहे जैश और लश्कर

रिपोर्ट में एक वरिष्ठ खुफिया अधिकारी के हवाले से बताया गया है, "विचारधारा में मतभेद के कारण वे साथ मिलकर काम नहीं करना चाहते। पाकिस्तानी सेना ने दोनों समूहों को शांत करने की कोशिश की, लेकिन वह विफल रही। इसके बजाय, वे जम्मू-कश्मीर में जैश का इस्तेमाल कर रहे हैं और उन्हें भारत में घुसपैठ करने के लिए सुरक्षित मार्ग दे रहे हैं। पिछले कुछ महीनों में जैश के और अधिक आतंकवादियों को भारत में भेजा गया है।"

हाफिज सईद के रिश्तेदार की हत्या आपसी फूट का परिणाम

जैश देवबंदी संप्रदाय का अनुसरण करता है, जो सुन्नी इस्लाम के भीतर एक पुनरुत्थानवादी आंदोलन है, जबकि लश्कर 18वीं सदी के विचारक शाह वलीउल्लाह देहलवी द्वारा गठित अहल-ए-हदीस का अनुसरण करता है। खुफिया अधिकारियों ने कहा कि पाकिस्तान में हाल ही में हुई हत्याएं इन दो आतंकवादी समूहों के बीच मतभेद का परिणाम हैं। भारत के सबसे वांछित आतंकवादी हाफिज सईद के रिश्तेदार, आतंकवाद के वित्तपोषक कारी अब्दु रहमान की सोमवार को कराची में अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी।

एक दूसरे की जानकारी लीक कर रहे आतंकवादी

जम्मू-कश्मीर के कठुआ में हाल ही में घुसपैठ की कोशिशों की जांच कर रहे भारतीय अधिकारियों ने आतंकवादियों की पहचान जैश-ए-मोहम्मद से की है। इस रिपोर्ट में वरिष्ठ खुफिया अधिकारी ने कहा, "उनके पास से नाटो के हथियार बरामद किए गए हैं, जिनमें एम4ए1 असॉल्ट राइफलें और ग्लॉक हैंडगन शामिल हैं।" सूत्रों ने बताया कि लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों के मामले में, उनके पास से बरामद हथियार या तो पाकिस्तान की आयुध फैक्टरियों के थे या फिर चीन में बने थे। सूत्रों ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में छिपे करीब 120 आतंकवादियों में से 95 फीसदी विदेशी हैं और सभी जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े हैं।

भारत के लिए फायदा

इन दो आतंकवादी समूहों के बीच बढ़ती दरार केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में सक्रिय भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए उपयोगी है। हाल ही में एक मामले में, दक्षिणी कश्मीर में छिपे आतंकवादियों के ठिकाने की जानकारी एक प्रतिद्वंद्वी समूह ने लीक कर दी थी। दूसरे मामले में, लश्कर-ए-तैयबा द्वारा अगवा किए गए एक व्यक्ति का बाद में जैश-ए-मोहम्मद का आतंकवादी निकला।


from https://navbharattimes.indiatimes.com/world/pakistan/rift-between-lashkar-e-taiba-and-jaish-e-mohammed-widens-pakistani-terrorists-not-ready-to-work-together/articleshow/119817086.cms

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